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इस महामारी से बचाव के लिए हमें बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत है : मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद के कल्जीखाल ब्लाक के घंडियाल में दूसरी दुनिया फर्मिंग स्टेट व टीएनवीएसईजी (स्वालंबन स्वयं सहायता समूह) के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान उन्होंने बागवानी की ओर जाने वाले हल्के मोटर वाहन के सुधारीकरण, कोल्ड स्टोर की जगह कूल हाउस बनाने तथा पर्यटन विभाग द्वारा होम स्टे क्षेत्र में बनाये जाने की सहमती प्रदान की।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/घंडियाल/दिनांक 12 सितम्बर, 2020,प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद के कल्जीखाल ब्लाक के घंडियाल में दूसरी दुनिया फर्मिंग स्टेट व टीएनवीएसईजी (स्वालंबन स्वयं सहायता समूह) के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान उन्होंने बागवानी की ओर जाने वाले हल्के मोटर वाहन के सुधारीकरण, कोल्ड स्टोर की जगह कूल हाउस बनाने तथा पर्यटन विभाग द्वारा होम स्टे क्षेत्र में बनाये जाने की सहमती प्रदान की। जबकि क्षेत्र की फसलों को विपणन आदि के लिए एक वातानुकूलित वाहन को हरी झंडी दिखाकर औपचारिक शुभारंभ किया। साथ ही मुख्यमंत्रत्री ने क्षेत्र के काश्तकारों को खेती के तकनीकी यंत्रों के संचालन हेतु जिला प्रशासन को कृषि यंत्रों की तकनीकी जानकारी देने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्यटक गतिविधियों को बढ़ावा देने लिए मोटर बाइक स्पाॅर्ट के तहत मोटर साइकिल किराये पर देने को कहा। मुख्यमंत्री ने टीएनवीएसईजी द्वारा की गई खेती व बागवानी का स्थलीय निरीक्षण कर धान की फसल की कटाई तथा किनवा की बुआई की। कहा कि प्रधानमंत्री के आव्हान पर आपदा को अवसर में बदलने का बेहतर प्रयास यहां के लोगों ने किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोविड महामारी के दौर से गुजर रहा है। इस महामारी से बचाव के लिए हमें बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोविड से बचाव के लिए जो भी गाईडलाइन जारी हो रही है, उसका सबको पूरा पालन करना होगा। इस बीमारी से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेन्स एवं मास्क का प्रयोग बहुत जरूरी है। आज हमारे समकक्ष आपदा को अवसर में बदलने की भी बड़ी चुनौती है। आज उत्तराखंड में अनेक नौजवान कठिन परिस्थितियों के कारण घर की ओर वापस लौटे हैं। उत्तराखंड के युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मिले, इसके लिए राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है। पौड़ी में युवाओं द्वारा सामूहिक प्रयासों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेकर कार्य करने होंगे। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग पर भी विशेष ध्यान देना होगा। देवभूमि उत्तराखंड में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं भी हैं। उत्तराखंड विभिन्न प्रकार की जैव विविधता वाला राज्य है। हिमालय की जड़ी बूटियों के उत्पादों से हम हिमालयी ब्रांडो की मार्केटिंग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भौगोलिक बनावट के अनुसार अपने राज्य में कृषि व उद्यानीकरण के लिए पर्याप्त सम्भावनाएं हैं। कहा कि देश में 16 प्रकार की जलवायु विद्यमान है। समुद्री और रेगिस्तानी जलवायु को छोड़ भी दिया जाए तो भी उत्तराखंड में 14 प्रकार की जलवायु मौजूद हैं। जो कि कृषि और बागवानी के लिए वरदान से कम नहीं है। कहा कि जलवायु आधारित फसलों के लिए उत्तराखंड का एकाधिकार है। यहां पर हिमालय से प्राप्त होने वाली विभिन्न प्रकार की औषधीय फसलें हैं तो पहाड़ी और मैदानी फसलों से भी उत्तराखंड परिपूर्ण है। उन्होेंने लोगों से स्वरोजगार अपनाने पर जोर दिया। कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं समिति है जबकि स्वरोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने लोगों से मैदानों की तरफ दौड़ने के बजाय अपने पहाड़ के घरों में ही रहकर स्वरोगार को अपनाने का आव्हान किया। कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने सौ ग्रोथ सेंटरों की भी शुरूआत की है। कहा कि शीघ्र ही ग्रोथ सेंटर बेहतर ढंग से कार्य कर सकेंगे। जिससे युवाओं को इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो सकेगा। साथ ही वीर चद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना की दायरे को भी बढ़ाया गया है। पहले बीस प्रतिशत अनुदान दिया जाता था जिसे बढ़ाकर अब पचास प्रतिशत किया गया है। कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक आधार के अनुसार ही अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिये जाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।

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