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डॉ. प्रदीप भारती बने मेडिकल कॉलेज के पहले प्रिंसिपल मेला और जीडी में होगी पढ़ाई


डॉ. प्रदीप भारती मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के पहले प्रिंसिपल बने हैं। उन्होंने सीएमओ कार्यालय रोशनाबाद में अपनी ज्वाइनिंग दे दी है। वह दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

डॉ. प्रदीप भारती मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के पहले प्रिंसिपल बने हैं। उन्होंने सीएमओ कार्यालय रोशनाबाद में अपनी ज्वाइनिंग दे दी है। वह दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे। सीएमओ डॉ एसके झा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज शुरू करने प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। नगर निगम ने मेडिकल कॉलेज के लिए जगजीतपुर में भूमि प्रस्तावित की है। विधायक आदेश चौहान ने बताया कि भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है। मेडिकल कॉलेज भवन बनने में 3-4 साल का समय लगेगा इसलिए तब तक मेला अस्पताल तथा राजकीय जिला चिकित्सालय तथा पीएससी मेडिकल कॉलेज शुरू किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल तो आ गया है लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर का डेढ़ महीने में तैयार होने वाला 500 बैड का कोविड-19 प्री - फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल का अता - पता नहीं है। कोविड-19 हॉस्पिटल के लिए जिलाधिकारी श्री रविशंकर ने इतनी तत्परता दिखाई थी कि 4 अप्रैल को उन्होंने नगर आयुक्त नगर निगम को पत्र भेजा कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए 500 बेड का प्री - फैबरीकेटेड मेडिकल कॉलेज का तत्काल निर्माण किया जाना है जिसके लिए नगर निगम द्वारा 25 एकड़ भूमि प्रस्तावित की गई है जो पर्याप्त नहीं है जिसके लिए 75 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। उन्होंने बोर्ड की बैठक बुलाकर अधिक से अधिक भूमि तथा कम से कम 75 एकड़ भूमि निशुल्क उपलब्ध कराने को निर्देशित किया। मानों सबकुछ पहले से तय था ।जिलाधिकारी के पत्र आते ही आनन - फानन में 5 अप्रैल को बोर्ड की विशेष बैठक बुलाई गई तथा भाजपा पार्षदों में जितना चाहो उतनी भूमि देने का प्रस्ताव की होड़ लग गई। खन्ना नगर के अधिक से अधिक करीब दिखाने वाले पार्षद भूमि का प्रस्ताव पारित करने के बाद पांच महीने बाद भी कोविड-19 प्री फैबरीकेटेड हॉस्पिटल के निर्माण के नाम पर कुछ भी नहीं होने पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है। जिला प्रशासन ने कोरोना मरीजों को क्वारंटीन करने पर जितना बजट ठिकाने लगा दिया होगा उससे आधे पर फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल कब का तैयार हो गया होता। जिलाधिकारी ने इतना तत्परता दिखाई थी कि भूमि का प्रस्ताव होने से पहले ही उन्होंने 30 मार्च को तकनीकी सहायता प्रदान करने, हॉस्पिटल का इस्टीमेट, डिजाइन तैयार करने के लिए चार अधिकारियों की समिति गठित कर दी थी। जिसमें कुंभ मेला तकनीकी प्रकोष्ठ के अधीक्षण अभियंता हरीश पांगती, सीएमओ डॉ सरोज नैथानी, लोनिवि के अधिशासी अभियंता डॉ दीपक कुमार तथा वरिष्ठ कोषाधिकारी सुश्री नीतू भंडारी को शामिल किया गया था। विधायक आदेश चौहान 5 अप्रैल की नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक में पूरे समय उपस्थित रहे थे। उन्होंने भूमि का प्रस्ताव पारित करने के लिए मेयर अनीता शर्मा सहित सभी पार्षदों तथा अधिकारियों को धन्यवाद दिया था और डेढ़ महीने में 500 बैड का प्री फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल तैयार की घोषणा कर तालियां पिटवाई थीं, लेकिन आज वह कुछ बताने से बचते रहे हैं।

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