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श्री केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर दिये जा रहे धरने विषयक।


श्री केदारनाथ देवस्थानम के 200 मीटर की परिधि एवं वैली ब्रिज से मन्दिर तक के मुख्य पहुंच मार्ग में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन निषिद्ध करते हुये अधोेहस्ताक्षरी एवं पुलिस अधीक्षक रूद्रप्रयाग हेतु उक्त आदेश का अनुपालन कराये जाने हेतु दिशा-निर्देश पारित किये गये हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

देहरादून दिनाँक 15 जनवरी, 2020 के द्वारा उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम प्रबन्धन विधेयक 2019 प्रवृत्त होने के उपरान्त उत्तराखण्ड स्थित चार धामों के कुशल प्रबन्धन/व्यवस्था का उत्तरदायित्व उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में निहित है। धामों में श्रद्धालुओं/तीर्थ यात्रियों के आवागमन हेतु जनहित मंे बोर्ड द्वारा अपने पत्रांक संख्याः- 257/का0आ0/2020-21 दिनांक 16.09.2020 द्वारा देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम की धारा 15(5)(6) में प्रदत्त शक्तियांे का प्रयोग करते हुये श्री केदारनाथ देवस्थानम के 200 मीटर की परिधि एवं वैली ब्रिज से मन्दिर तक के मुख्य पहुंच मार्ग में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन निषिद्ध करते हुये अधोेहस्ताक्षरी एवं पुलिस अधीक्षक रूद्रप्रयाग हेतु उक्त आदेश का अनुपालन कराये जाने हेतु दिशा-निर्देश पारित किये गये हैं। 1- तीर्थ पुरोहितों से दिनाँक 12-09-2020 को हुई वार्ता के अनुसार उनके द्वारा मुख्यतः दो मांगे जिला प्रशासन के समक्ष रखी गयी। 1द्ध देवस्थानम् बोर्ड को लागू न किया जाना। 2द्ध वर्ष 2013 की दैवी आपदा में वाश आउट हुए भवनों व श्री केदारनाथ धाम में सौन्दर्यीकरण के तहत तीर्थ पुरोहितों की स्वामित्व वाली भूमि जो कि अधिग्रहण की गयी है, के सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा कुल 127 तीर्थ पुरोहितों के साथ भूमिधरी अधिकार व भवन निर्मित किये जाने हेतु अनुबन्ध गठित किये गये हैं, जब तक जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में हुई कुल 127 अनुबन्ध के अनुसार सभी तीर्थ पुरोहितों को उनका भूमिधरी अधिकार व भवन निर्मित नहीं किये जाते हैं तब तक मास्टर प्लान को लागू न किया जाय। 2- प्रथम मांग के सन्दर्भ में रिट पिटीशन संख्या-700 (MS) 2020 श्री 05 मन्दिर समिति गंगोत्री धाम अन्य बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य एवं रिट पिटीशन संख्या(PIL) नैनीताल द्वारा याचिकाकर्ताओं की याचिका को दिनाँक 21-07-2020 को निरस्त कर दी गयी है। द्वितीय मांग के संबंध मंे मास्टर प्लान के विषय में तीर्थ पुरोहितों को अवगत कराया गया है कि पूर्व में हुए 127 अनुबन्ध के सापेक्ष 41 भवनों का निर्माण कर तीर्थ पुरोहितों को हस्तगत कर दिये गये हैं तथा शेष भवनों का निर्माण कार्य गतिमान है साथ ही केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के सम्बन्ध में वार्ता के दौरान तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मण्डल को अवगत कराया गया है कि अधिकाशतः निर्माण कार्य शासकीय भूमि पर किये जाने प्रस्तावित हैं। उक्त दोनों मांगों के अतिरिक्त तीर्थपुरोहितों द्वारा प्रशासन के समक्ष समय-समय पर रखी गयी मांगों व सुझावांे के संबंध मंे प्रशासन द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिये गये हैंः- 1- श्री केदारनाथ धाम में तीर्थपुरोहितों की आवश्यकताओं के दृष्टिगत उन्हें विश्वास में रखते हुए भोग मण्डी, प्रवचन हाॅल, पुजारी आवास का निर्माण तथा सुदृढ़ीकरण व ईशानेश्वर महादेव मन्दिर के निर्माण को मास्टर प्लान के अनुसार किया जायेगा। 2- तीर्थ पुरोहितों की निजी भूमि को लेकर पूर्व में किये गये सार्वजनिक कार्यों के समय किये गये अनुबन्धों का पालन किया जायेगा। कुल 127 अनुबन्धों में से 41 अनुबन्धों के अनुसार मकान निर्माण कर दिये जा चुके हैं। अवशेष अनुबन्धों के अनुपालन हेतु भवनों का निर्माण का कार्य गतिमान है। उसे यथा शीघ्र पूर्ण कर प्रभावितों को नियमानुसार आवंटन किया जायेगा। 3- भूमिधरी अधिकार विषयक- श्री केदारनाथ धाम में शासकीय निर्माण कार्यों हेतु पूर्व में जिन तीर्थ पुरोहितों की भूमि अधिग्रहण की गयी है, उन्हें शासनादेश व अनुबन्ध के अनुसार उनके विधिक स्वामित्व की भूमि के बराबर भूमि पर भूमिधरी अधिकार दिये जाने हेतु राजस्व अभिलखों के अनुसार प्रभावितों की विधिक स्वामित्व की भूमि का सर्वें तथा बदले में दी जाने वाली शासकीय भूमि का सर्वें पूर्ण कर सम्पूर्ण अभिलेखों सहित रिपोर्ट शासन स्तर पर प्रेषित की जा चुकी है। उक्त विषय में शासन स्तर पर कार्यवाही गतिमान है, शासनादेश प्राप्त होते ही भूमि आवंटन प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी। 4- भविष्य में मास्टर प्लान के अनुसार होने वाले निर्माण कार्यों में तीर्थ पुरोहितों की राय लेकर तथा उनके सुझावों को सम्मिलित करते हुए प्रशासन द्वारा यथा सम्भव अन्तिम निर्णय लिया जायेगा। 5- किसी भी तीर्थ पुरोहित की विधिक स्वामित्व की भूमि को उनकी सहमति के बिना नहीं लिया जायेगा तथा शासनादेश के अनुरूप उचित क्षतिपूर्ति के पश्चात् ही भू स्वामी की सहमति से भविष्य में आवश्यकता होने पर निजी भूमि को लेने पर कार्यवाही होगी। 6- आगामी यात्राकाल में प्रशासन के स्तर से आवंटित की जाने वाली कुछ दुकानें प्रभावितों व स्थानीय बेरोजगारों हेतु नियमानुसार न्यूनतम धनराशि पर उपलब्ध कराने हेतु आरक्षित रखे जाने पर विचार किया जायेगा। 7- श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग तथा केदारपुरी में यात्रियों हेतु आवासीय व अन्य व्यवस्थाओं में स्थानीय लोगों को यथा सम्भव प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। 8- श्री केदारनाथ धाम में पूर्व में शासकीय भूमि पर निर्मित कर प्रभावितों को आवंटित किये गये आवासों में कुछ भवनों में गुणवत्ता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुयी हैं। उक्त पर भवनों का निर्माण 2016 में एन0आई0एम0 के माध्यम से शुरू किया गया था तथा 2018 में तीर्थ पुरोहितों को उपलब्ध कराया गया था उक्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए एक जाँच समिति का गठन कर दिया गया है तथा निर्माणदायी संस्था से उक्त भवनों के मूल डिजायन/ड्रायिंग व डी0पी0आर0 प्राप्त की जा रही है। तकनीकी परीक्षण के पश्चात् भवनों की सुरक्षा हेतु मरम्मत व अन्य उपाय करने पर समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर मानकांे के अनुसार मरम्मत की अनुमति प्रदान की जायेगी। 9- भविष्य में श्री केदारनाथ में यात्रियों की संख्या बढ़ने की सम्भावना के दृष्टिगत स्वास्थ्य टीमों की संख्या दोगुना करने पर विचार किया जा रहा है। अग्रिम सप्ताह तक केदारनाथ में ब्वअपक जमेज की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी। वर्तमान में सोनप्रयाग, सिरोबगड़ एवं समस्त सी0एच0सी0 व जिला चिकित्सालय में उक्त सुविधा उपलब्ध है। 10- तीर्थ पुरोहितों की समस्त मांगे जो प्रशासन स्तर की हैं पूर्ण कर दी गयी हैं। तथा तीर्थ पुरोहितों के सहयोग से समस्त चिन्ताओं के निराकरण हेतु सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। जिलाधिकारी स्तर पर तीन बार तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता की जा चुकी है, इसके बाद भी यदि तीर्थ पुरोहित अपना आन्दोलन जारी रखना चाहते हैं तो शासन स्तर की मांगों के लिए एक प्रतिनिधि मण्डल शासन स्तर पर वार्ता करने हेतु स्वतंत्र है।

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