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डीएम के साथ जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक, बधिरो के लिए एसएमएस और व्हाटस एप की सुविधा की भी मांग


दिव्यांगता समिति की बैठक डीएम की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। डीएम साहब ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समिति के सदस्यो द्वारा रखे गये समस्याओ को विस्तारपूर्वक सुना और संबंधितो को इस पर कार्यवाही के निर्देश दिये।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार! दिनांक 16 सितम्बर शाम 5 बजे जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक डीएम की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। डीएम साहब ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समिति के सदस्यो द्वारा रखे गये समस्याओ को विस्तारपूर्वक सुना और संबंधितो को इस पर कार्यवाही के निर्देश दिये। समिति के सदस्य एवं देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने कई मुददो खासकर पेंशन, परिवहन पास, रेल पास, यूडीआईडी कार्ड, मूक बधिरो के लिए ड्राईविंग लाईसेंस, समाज कल्याण विभाग के पास, सीएमओ दिव्यांगता प्रमाण पत्र अनेक दिव्यांगो के पास ना होने की बात बताई। और यह भी कहा कि इन सारे प्रमाण पत्रो के लिए मूक बधिर और दिव्यांग अकेले अलग अलग विभागो मे जाने मे असमर्थ हैं क्योकि विभाग द्वारा उन्हे दर-दर भटकाया जाता है।इसके लिए इन सभी संबंधित विभागो मे समन्वय बनाकर एक स्थान पर कैम्प लगवाने के निर्देश जारी किये जाये ताकि सब दिव्यांग आराम से एक जगह आकर एक दिन मे समस्त प्रमाण पत्र ले जा सके। रेल विभाग, परिवहन विभाग, बैंक, पोस्ट ऑफिस, तहसील व अन्य विभागो मे दिव्यांगो के लिए अलग लाईन उपलब्ध करवाया जाये और पुलिस विभाग मे दिव्यांगो का अलग बेंच हो। मूक बधिरो के लिए सभी विभागो मे इन्टरप्रेटर की नियुक्ति हो, और टोलफ्री नम्बर जारी होने के साथ साथ उसमे एसएमएस और व्हाटस एप की भी सुविधा हो ताकि मूक बधिर भी अपनी समस्याये इस एप के जरिए दर्ज कर सके। संदीप अरोड़ा ने लिखित मे यह भी कहा कि पिछली मीटिंग मे डीएम साहब के सामने मूक बधिरो के लिए ट्रासपेरेंट मास्क का मुददा उठाया गया था और डीएम ने ट्रांसपेरेंट मास्क जारी करने के सम्बंधितो को निर्देश दिये थे जबकि मूक बधिरो और उनके सम्पर्क मे आने वाले लोगो को अभी तक पारदर्शी मास्क उपलब्ध नही हो सका जिस कारण मूक बधिरो को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि मूक बधिर केवल लिप्स लैंग्वेज को समझते हैं इसके लिए सामने वाले व्यक्ति का होंठ दिखना जरूरी होता है लेकिन कोरोना वायरस के कारण आईसीएमआर के सुझावो के कारण केन्द्र सरकार ने मास्क अनिवार्य कर दिया। जिस कारण मूक बधिर सामने वाले का लिप्स नही देख पा रहे हैं इसी कारण बात करने मे कठिनाई हो रही है। इसी कारण एक दिन लॉकडाउन मे राशन वितरण के दौरान संदीप अरोड़ा का भी एक दरोगा से बहस हुई थी, संदीप अरोड़ा को दरोगाजी से बात करने मे कठिनाई हो रही थी। संदीप अरोड़ा ने दरोगा सको खुद के मूक बधिर होने का हवाला दिया और लिखकर बात करने की अपील की थी। दरोगा लिखकर बात नही कर रहे थे। संदीप अरोड़ा ने यह भी मांग उठाई कि टोलफ्री नम्बर के साथ साथ मूक बधिरो के लिए एसएमएम और व्हाटस एप की सुविधा भी हो ताकि बधिर लोग अपनी समस्या भी लिखकर और वीडियो कॉल के जपिए साईन लैंग्वेज मे बता सके। संदीप अरोड़ा ने हरिद्वार शहर मे मूक बधिर स्कूल खोलने, रोजगार देने, डीएम कार्यालय व सभी विभागो मे इन्टरप्रेटर की नियुक्ति समेत कई मांग उठाई और पुलिस विभाग, बैंक, परिवहन विभाग सहित कई विभागो मे मूक बधिरो और दिव्यांगो के साथ अभद्रता व दुर्व्यवहार पर रोक लगाने और आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के तहत सख्त कार्रवाई की मांग भी डीएम से की। सदस्य अमित धीमान ने मूक बधिरो का मुफ्त कोरोना टेस्ट कराने की मींग की।

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