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मर्म चिकित्सा पद्वति आयुर्वेद एवं योग से पुरानी चिकित्सा पद्वति है:डा.सुनील जोशी


बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए प्रसिद्ध मर्म चिकित्सक एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा.सुनील जोशी ने कहा कि मर्म चिकित्सा पद्वति आयुर्वेद एवं योग से पुरानी चिकित्सा पद्वति है।

रिपोर्ट  - 

आज प्रेस क्लब हरिद्वार में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए प्रसिद्ध मर्म चिकित्सक एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा.सुनील जोशी ने कहा कि मर्म चिकित्सा पद्वति आयुर्वेद एवं योग से पुरानी चिकित्सा पद्वति है। आज जरूरत इस बात की है कि इस विद्या को विश्वस्तर पर पहुचाने की दिशा में तेजी से प्रयास किये जाये,ताकि हरिद्वार से योग की तरह ही मर्म चिकित्सा पद्वति भी विश्व समुदाय को निरोगी बनाने में मदद कर सके। आज विश्व के अनेकों देश इस चिकित्सा पद्वति से प्रभावित हो रहे है। आने वाले समय में विश्व में मर्म चिकित्सा विश्व पटल पर एक नई चिकित्सा विद्या क रुप में पुनः स्थापित होने जा रही है। मर्म चिकित्सा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों में संचालित करने का निर्णय प्रदेश के राज्यपाल सह कुलाद्यिपति की ओर से लिया जा चुका है। वर्तमान समय में गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय,देव संविवि में यह पाठ्यक्रम में शामिल है। डा.जोशी ने बताया कि इस विद्या के माध्यम से उन्होंने कई वर्ष पुराने रोगियों का उपचार कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलाया है। जिनमें पोलियों से ग्रसित रोगी व घुटने के दर्द से परेशान रोगी भी है,जिन्हे अंगेजी चिकित्सा पद्वति में उपचार के दौरान घुटने बदलने का परामर्श दिया गया है। डा.जोशी ने कहा कि विश्व को स्वास्थ्य लाभ देने की दिशा में हरिद्वार से गंगा की तरह मर्म चिकित्सा की गंगा निकलनी चाहिए। इस मौके पर मेयर अनिता शर्मा व पूर्व नगरपालिका चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी ने डा जोशी के कुलपति नियुक्त होने पर शाल ओढा कर सम्मानित किया।

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