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हर-की-पैड़ी पर माँ गंगा जी को नहर (एस्केप चैनल) बताये जाने वाला शाशनदेश निरस्त हो


तीर्थ पुरोहितो ने जो लड़ाई 1916 में विशाल आंदोलन करके ब्रिटिश सरकार से लडी थी। आज फिर से कांग्रेस हरीश रावत सरकार में 2016 में जारी शाशनदेश की वजह से तीर्थ पुरोहितो को लड़नी पढ़ रही है। तीर्थ पुरोहितों की सरकार से माँग है कि हर-की-पैड़ी पर माँ गंगा जी को नहर (एस्केप चैनल) बताये जाने वाला शाशनदेश निरस्त हो।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

तीर्थ पुरोहितो ने जो लड़ाई 1916 में विशाल आंदोलन करके ब्रिटिश सरकार से लडी थी। आज फिर से कांग्रेस हरीश रावत सरकार में 2016 में जारी शाशनदेश की वजह से तीर्थ पुरोहितो को लड़नी पढ़ रही है। तीर्थ पुरोहितों की सरकार से माँग है कि हर-की-पैड़ी पर माँ गंगा जी को नहर (एस्केप चैनल) बताये जाने वाला शाशनदेश निरस्त हो। जिसके लिए उनका दूसरे दिन भी धरना जारी है। दूसरे दिन धरना माँ गंगा जी के पूजन व दुग्धाअभिषेक के बाद प्रारंभ हुआ।हरिद्वार के व्यापारी वर्ग के हर-की-पैड़ी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष शहर व्यापार मंडल के महामंत्री राजीव पराशर व श्री गुरू गोरक्षनाथ वयापार मण्डल अपर रोड हरिद्वार के अध्यक्ष राजेंद्र जैन जी एवं व्यवसाय मण्डल, अपर रोड व्यापार मंडल के महामंत्री अनिल सिंघल जी ने समर्थन पत्र धरना स्थल पर आकर सौंपा। आज धरना स्थल पर अनमोल वाशिष्ठ, शहर व्यापार मंडल के महामंत्री राजीव पराशर, वैभव शिवपुरी,अनिल कौशिक, सरदार रीतेश जी ( रामचन्द्र के), सचिन कौशिक, सुधीश श्रोत्रीय, सिद्धार्थ त्रिपाठी, हिमांशु ख़्यालीके, नितिन पालीवाल, अभीषेक सरदार, सोनू चाकलान, चनदन जगता, धीरज पचभैया आदी कई तीर्थ पुरोहितों ने धरना दिया। हाइकोर्ट में जनहित याचिका डालने वाले एवं कार्यक्रम संयोजक अनमोल वाशिष्ठ जी का कहना है कि यह धरना निरन्तर चलता रहेगा। माँ गंगा जी और किरोडो हिंदुओं की लभावनाओ के साथ खिलवाड़ नही होने दिया जाएगा। भाजपा उत्तराखंड सरकार से हमारा अभी भी हमारा विन्रम निवेदन है कि शाशनदेश को निरस्त करें अन्यथा यह धरना 1916 के आन्दोलन कि तरह विशाल रूप ले लेगा। जिसमे सभी तीर्थ पुरोहित, व्यापार मंडल और सभी समाज का समर्थन होगा। शहर व्यापार मंडल के महामंत्री राजीव पराशर जी ने बताया कि माँ गंगा जी हम सब की माँ है। तीर्थ पुरोहित समाज की इस मांग में पूरा व्यापार मंडल उनके साथ है। अगर यह मांग जल्दी ही पूरी नही होती तो, व्यापार मंडल भी सकैप चैनल के शाशनादेश को निरस्त करवाने के लिए इस धरने में शामिल होगा।

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