जूना अखाड़े की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पवितà¥à¤° छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ बीती शाम चमोली से पौराणिक तीरà¥à¤¥ आदि बà¥à¤°à¤¦à¥€ पहà¥à¥…ची। साधà¥à¤“ं के जतà¥à¤¥à¥‡ का नेतृतà¥à¤µ कर रहे जूना अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरि महाराज का मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ पर मनà¥à¤¦à¤¿à¤° समिति के पदाधिकारी नरेनà¥à¤¦à¥à¤° चाकर,विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤°,जीत सिंह,नरेश बरमोला,पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡à¤²à¤¾à¤² आदि ने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नागरिकों के साथ पवितà¥à¤° छड़ी का पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया तथा पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
जूना अखाड़े की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पवितà¥à¤° छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ बीती शाम चमोली से पौराणिक तीरà¥à¤¥ आदि बà¥à¤°à¤¦à¥€ पहà¥à¥…ची। साधà¥à¤“ं के जतà¥à¤¥à¥‡ का नेतृतà¥à¤µ कर रहे जूना अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरि महाराज का मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ पर मनà¥à¤¦à¤¿à¤° समिति के पदाधिकारी नरेनà¥à¤¦à¥à¤° चाकर,विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤°,जीत सिंह,नरेश बरमोला,पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡à¤²à¤¾à¤² आदि ने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नागरिकों के साथ पवितà¥à¤° छड़ी का पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया तथा पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की। पवितà¥à¤° छड़ी को आदि बदà¥à¤°à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मदिंरो के समूह का दरà¥à¤¶à¤¨ कराया गया,यहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की गयी। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरि महाराज ने बताया पौराणिक आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इन मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पांडवों ने अपनी सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ारोहण यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान किया था। आदि बदà¥à¤°à¥€ में कà¥à¤² 16मनà¥à¤¦à¤¿à¤° थे,जिनमें से अà¤à¥€ à¤à¥€ 14 मनà¥à¤¦à¤¿à¤° बचे हà¥à¤ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बताया मà¥à¤–à¥à¤¯ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का है जिसके गरà¥à¤à¤—ृह में à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की à¤à¤• मीटर उॅची चरà¥à¤¤à¥à¤à¥à¤œ काले शालीगà¥à¤°à¤¾à¤® की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ है। मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ के इस समूह में à¤à¤—वान गरूड़,सतà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£,लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾,चकà¤à¤¾à¤¨,कà¥à¤¬à¥‡à¤°,राम-लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨,सीता,काली,à¤à¤—वान शिव,गौरी शंकर को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इन मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ में अà¤à¥€ à¤à¥€ पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ होती है जो कि पिछले सात सौ वरà¥à¤·à¥‹ से थापली गांव के बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤®à¤£ करते चले आ रहे है। शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° की देर राातà¥à¤°à¤¿ पवितà¥à¤° छड़ी रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठपीपल कोटी पहà¥à¤šà¥€,जहां से शनिवार की पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ पवितà¥à¤° छड़ी जोशीमठके लिठरवाना हà¥à¤¯à¥€à¥¤ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की ओर से पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारी पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª साह ने पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ तथा साधà¥à¤“ं के जतà¥à¤¥à¥‡ का मालà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤°à¥à¤£ कर जोशीमठके लिठरवाना किया। जोशीमढ पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ पर पवितà¥à¤° छड़ी का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नागरिकों तथा पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर जोरदार सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया। पवितà¥à¤° छड़ी जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ वासà¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤‚द की आचारà¥à¤¯ गददà¥à¥€ के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठपहà¥à¤šà¥€,जहां आचारà¥à¤¯ गददà¥à¥€ की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की गयी। यहां से पवितà¥à¤° छड़ी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पौराणिक नृसिंह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठपहà¥à¤šà¥€,जहां मौजूद पà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤®à¤£à¥‹à¤‚ ने पवितà¥à¤° छड़ी का अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करायी। जूना अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संरकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरि गिरि ने बताया इसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर दशनाम सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के पà¥à¤°à¤°à¥à¤µà¤¤à¤• आदà¥à¤¯à¤œà¤—दà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ शंकराचारà¥à¤¯ को 8वीं सदी में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था और देश के चारों कोनो में उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की गयी पीठों में से पà¥à¤°à¤¥à¤® पीठजà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पीठकी यहां सà¥à¤¾à¤¿à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ गयी थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बताया नागा संयासियों के सबसे बड़े अखाड़े की शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚चदशनाम जूना अखाड़े की à¤à¥€ जोशीमठमें ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤µ हà¥à¤† था। सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤—वान बदरीनाथ की मूरà¥à¤¤à¤¿ नृसिंह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में ही विराजती है,जहां बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ धाम के कपाट खà¥à¤²à¤¨à¥‡ से पूरà¥à¤µ पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की जाती है। नृसिंह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में जतà¥à¤¥à¥‡ में शामिल नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ महंत शिवदतà¥à¤¤ गिरि, महंत पà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¤¾à¤œà¤—िरि, महंत पारसपà¥à¤°à¥€, महंत विशमà¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, महंत रूदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि, महंत कमल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, केदारà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€,महंत महादेवानंद गिरि, महंत मोहनानंद गिरि महंत नितिन गिरि, गंगा गिरि आदि पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर सरà¥à¤µà¥‡ à¤à¤µà¤¨à¥à¤¤à¥ सà¥à¤–िनः की कामना की।