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हरिद्वार में बने गंगा संग्रहालय में हरिद्वार हर की पौड़ी गंगा की फोटो ही नहीं


माननीय प्रधानमंत्री द्वारा एसटीपी व अनेकों योजनाओं एवं संग्रहालय का उद्घाटन किया गया लेकिन उस संग्रहालय में हरिद्वार हर की पौड़ी के चित्र ही हैं नाही गंगा की पौराणिक कथाएं ऐसे में जबकि गंगा के इस संग्रहालय के लिए करोड़ों रुपए का बजट घाट का कार्य शुरू होने से पहले ही अलग रखा गया था|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार में आज माननीय प्रधानमंत्री द्वारा एसटीपी व अनेकों योजनाओं एवं संग्रहालय का उद्घाटन किया गया लेकिन उस संग्रहालय में हरिद्वार हर की पौड़ी के चित्र ही नहीं हैं नाही गंगा की पौराणिक कथाएं ऐसे में जबकि गंगा के इस संग्रहालय के लिए करोड़ों रुपए का बजट घाट का कार्य शुरू होने से पहले ही अलग रखा गया था लेकिन इस संग्रहालय में गंगा से संबंधित जानकारी का अभाव है जबकि पूर्व में शिलान्यास के दौरान सरकार के मंत्रियों द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए थे लेकिन वह सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं बता दें कि 21 नवंबर 2016 को इस 50 करोड़ 36 करोड़ नमामि गंगे घाट के प्रोजेक्ट का शिलान्यास केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार वालियान द्वारा किया गया था यह प्रोजेक्ट समय से पूरा हो गया था और फरवरी 2019 में इस घाट का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया गया लेकिन यह प्रोजेक्ट समय से पूरा होने के बावजूद भी इसकी कीमत 69. 18 करोड हो गयी लगभग 20 करोड़ अधिक हो गई लेकिन यह ऐसा क्यों हुआ यह आज तक पता नहीं लग पाया ना ही सरकार ने जानकारी देना उचित समझा उत्तराखंड एवं हरिद्वार में हजारों करोड़ों रुपए की कीमत से बने पंपिंग स्टेशन व एसटीपी काम करने में नाकाम साबित हो रहे हैं इन एसटीपी एवं पंपिंग स्टेशनों पर हजारों करोड़ रुपए लगने के बावजूद भी आज भी मां गंगा में गंदे नाले गंगा में गिर रहे हैं जिनका संज्ञान कोई लेने को तैयार नहीं है कि यह गंदे नाले क्यों गिर रहे हैं। करोड़ों का बजट बदने के बाद भी इस संग्रहालय में भी न तो हर ही पौड़ी की कोई फोटो है और नहीं कोई प्राचीन इतिहास इससे साफ पता चलता है की गंगा के प्रति सरकार की क्या आस्था है? यह प्रोजेक्ट केवल नेताओं की जेब भरने के प्रोजेक्ट है|

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