विशà¥à¤µ शांति,कोरोना समापà¥à¤¤à¤¿ तथा देश की शांति,समृदà¥à¤µà¤¿,उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की कामना के साथ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के समसà¥à¤¤ तीरà¥à¤¥à¥‹ व चारों धाम की यातà¥à¤°à¤¾ पर शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि के नेतृतà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पवितà¥à¤° छड़ी ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को कà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ॅ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के पौराणिक मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚-
रिपोर्ट - गोपाल सिंह रावत
सोमेशà¥à¤µà¤° (अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾)। विशà¥à¤µ शांति,कोरोना समापà¥à¤¤à¤¿ तथा देश की शांति,समृदà¥à¤µà¤¿,उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की कामना के साथ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के समसà¥à¤¤ तीरà¥à¤¥à¥‹ व चारों धाम की यातà¥à¤°à¤¾ पर शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि के नेतृतà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पवितà¥à¤° छड़ी ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को कà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ॅ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के पौराणिक मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚,à¤à¥œà¤¾à¤®à¤¹à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ,खडकेशà¥à¤µà¤° महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की। खडकेशà¥à¤µ महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में महंत मà¥à¤°à¤¾à¤°à¥€à¤¨à¤‚द गिरि की अगà¥à¤µà¤¾à¤ˆ में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नागरिकों ने पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर पवितà¥à¤° छड़ी का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया व दरà¥à¤¶à¤¨ कर नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आरà¥à¤¶à¥€à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। यहां से छड़ी सोमेशà¥à¤µà¤° महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पहà¥à¤šà¥€,जहां पशà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨,महिला कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ राजà¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रेखा आरà¥à¤¯ गिरधारी लाल साहू की ओर से उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ à¤à¥à¤µà¤¨ जोशी,à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ मणà¥à¤¡à¤² अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राजू कैड़ा,शिवपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ ने सैकड़ो लोगों के साथ पवितà¥à¤° छड़ी का जोरदार सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया और पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ तथा ढोल नगाड़ों के साथ सोमेशà¥à¤µà¤° महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ पंिडत नंदन गिरि के सानिधà¥à¤¯ में पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरि महाराज ने बताया सोमेशà¥à¤µà¤° महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° जिसे सोमनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° à¤à¥€ कहा जाता है,12वीं शताबà¥à¤¦à¥€ का मनà¥à¤¦à¤¿à¤° है जो कि कोसी और सांई नदी के संगम पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यहा पर à¤à¤• पानी का नौला जलधारा है जिसका जल अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पवितà¥à¤° माना जाता है। इसके आचमन से समसà¥à¤¤ रोग à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤ƒà¤– दूर हो जाते है,à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बताया पवितà¥à¤° छड़ी के उपमहंत शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विशमà¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त शिवदतà¥à¤¤ गिरि,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¤°à¤¾à¤œ गिरि,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त अजय पà¥à¤°à¥€ के नेतृतà¥à¤µ में नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ जतà¥à¤¥à¤¾ बागेशà¥à¤µà¤° में रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® करेंगा।