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उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती धूमधाम से मनाई


उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई।इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने दोनों महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कुलपति ने कहा कि भारत की धरती में समय समय पर अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

हरिद्वार उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई।इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने दोनों महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कुलपति ने कहा कि भारत की धरती में समय समय पर अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं,उन्ही रत्नों में महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री भी थे।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी का जीवन भारत ही नहीं अपितु विदेशियों के लिए भी अनुकरणीय रहा है, अहिंसा के बल देश को स्वतंत्र कराने का संकल्प गांधी जी ने लिया था जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया,यही कारण था कि अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा।गाँधी जी का जीवन अत्यन्त सरल और दूसरों के लिए प्रेरणा दायक था। वहीं श्रीलालबहादुर शास्त्री जी ने भी अपने आदर्शों औऱ कर्तव्यों से भारतवासियों के दिलों में जगह बनाई।कुलपति ने श्री लालबहादुर शास्त्री जी के जीवन से जुड़े हुए अनेक प्रसंगों को साझा करते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए कैसे दूसरों के लिए प्रेरक बना जाता है यह शास्त्री के जीवन से सीखा जा सकता है। कुलसचिव श्रीगिरीश कुमार अवस्थी ने महात्मा गाँधी के उच्च आदर्शों को जीवन में उतारने पर बल दिया।उन्होंने कहा ऐसे महापुरुषों की जयन्तियां हमें प्रेरणा देती हैं और श्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे लोग आज भी अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के लिए याद किये जाते हैं,ऐसे महापुरुष बिरले ही पैदा होते हैं।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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