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एचआरडीए द्वारा अवैध निर्माणों के विरुद्ध पारित ध्वस्तीकरण आदेश की फाइलें तलब


24 नवंबर को सूचना आयोग में लेकर जाना होगा फ़ाइलों को लोक सूचना अधिकारी ने आयोग को बताया कि ध्वस्तीकरण आदेश पारित तो हुए हैं पर ध्वस्तीकरण किया नहीं गया है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

24 नवंबर को सूचना आयोग में लेकर जाना होगा फ़ाइलों को लोक सूचना अधिकारी ने आयोग को बताया कि ध्वस्तीकरण आदेश पारित तो हुए हैं पर ध्वस्तीकरण किया नहीं गया है सरकारी भूमियों पर कब्जा कर किए गए अवैध निर्माण को लेकर हरिद्वार विकास हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एच आर डी ए) पहली बार बुरा तरह घिर गया है। एचआरडीए के लोक सूचना अधिकारी टीपी नौटियाल द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह के समक्ष यह बताए जाने पर कि ध्वस्तीकरण के आदेश तो पारित किए गए हैं लेकिन ध्वस्तीकरण किया नहीं गया है। सरकारी कुंभ मेला भूमि पर पक्के बड़े अवैध निर्माणों की संख्या तथा ध्वस्तीकरण आदेश के अभिलेख आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चंद्र शर्मा ने सूचना अधिकार में मांगे थे। लेकिन सूचना नहीं दी गई। इसके बाद द्वितीय अपील में मुख्य सूचना आयुक्त ने ध्वस्तीकरण आदेशों के अभिलेख देने के आदेश दिए लेकिन इसके बाद भी जानबूझकर सूचना नहीं दी गई। इसके बाद रमेश चंद्र शर्मा ने भ्रष्टाचार का प्रकटन छिपाने के उद्देश्य से सूचना नहीं देने का आरोप लगाते हुए अधिनियम की धारा 18(1) के अंतर्गत सूचना का प्रकटन छिपाने की शिकायत आयोग में की। इसके बाद लोक सूचना अधिकारी ने सरकारी भूमि पर 100 से अधिक अवैध निर्माणों की एक सूची उपलब्ध कराई लेकिन इन अवैध निर्माणों के विरुद्ध पारित ध्वस्तीकरण आदेशों के अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए। मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह के समक्ष शिकायत की सुनवाई 22 सितंबर को हुई। एचआरडीए के लोक सूचना अधिकारी टीपी नौटियाल ने आयोग को बताया कि अवैध निर्माणों के विरुद्ध ध्वस्तीकरण आदेश की फाइलें लगभग 70-80 होंगी। इस पर आयोग पूछा आदेश पारित होने के बाद कितने अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं उनकी जानकारी दे दीजिए। इस लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि केवल ध्वस्तीकरण के आदेश ही पारित किए गए हैं और एक भी निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया है। इस आयोग ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए एच आर डी ए के पूर्व लोक सूचना अधिकारी सतीश चौहान जो वर्तमान में जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल में सहायक अभियंता हैं तथा टीपी नौटियाल जो एच आर डी ए के वर्तमान लोक सूचना अधिकारी हैं को जिन विभिन्न 70-80 मामलों में ध्वस्तीकरण के आदेश पारित हैं किन्तु एक भी मामले में स्थल पर ध्वस्तीकरण नहीं हुआ है जैसा कि लोक सूचना अधिकारी के मौखिक कथन से स्पष्ट होता है। आयोग ने अपने पारित अंतरिम आदेश में कहा है कि लोकहित में इस सूचना का प्रकटीकरण किया जाना आवश्यक है कि ध्वस्तीकरण आदेश पारित होने के बावजूद ऐसी कौन-सी परिस्थितियां उत्पन्न हुई जिसके कारण ध्वस्तीकरण नहीं हो पाया है। आयोग ने ऐसे सभी मामलों से संबंधित अभिलेखों की फाइलों के साथ दोनों सूचनाधिकारियों 24 नवंबर को तलब किया है। इस आदेश के बाद एच आर डी ए में हड़कंप मचा है। रमेश चंद्र शर्मा का कहना कि जो अवैध निर्माणों की जानकारी एच आर डी ए ने दी है उनमें सर्वाधिक बैरागी कैंप कनखल की गंगा नदी की आरक्षित कुंभ मेला भूमि पर हैं। इसके अलावा भगतसिंह चौक के पास टिबडी की भूमि पर हैं। उल्लेखनीय है कि एच आर डी ए में अवैध निर्माण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण का आदेश पारित करना सबसे मुश्किल और मंहगा काम है। एक बार जो ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कराने में सफल हो जाता है समझो मामला हमेशा के लिए दफन। सूत्रों ने बताया कि 10 हजार से अधिक मामले में हैं जिनमें ध्वस्तीकरण आदेश पारित हैं।

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