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श्रीनगर में महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी


महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पर देश भर में हो रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में राजनीतिक विज्ञान विभाग में एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी का विषय गांधी के अनछुए पहले रहे, इस कार्यक्रम में गांधी के जीवन से संबंधित कई संदर्भ की फोटो व कार्टून के माध्यम से फोटो प्रदर्शनी के द्वारा छात्रों ने जाना।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भटट धिल्डियाल

आज हे0न0ब0वि0 श्रीनगर में महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पर देश भर में हो रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में राजनीतिक विज्ञान विभाग में एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी का विषय गांधी के अनछुए पहले रहे, इस कार्यक्रम में गांधी के जीवन से संबंधित कई संदर्भ की फोटो व कार्टून के माध्यम से फोटो प्रदर्शनी के द्वारा छात्रों ने जाना। यह कार्यक्रम राजनीति विज्ञान विभाग व अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वधान में आयोजित किया गया कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रोफेसर हिमांशु बौड़ाई प्रोफेसर आर0एन0 गैरोला प्रोफेसर एस0एम0 सेमवाल व अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से डॉ प्रदीप अंथवाल मौजूद रहे । मुख्य वक्ता प्रोफेसर हिमांशु बौडाई ने कहा कि गांधी ने न केवल भारत को आजादी दिलाने में मदद की बल्कि उनके सत्य अहिंसा के विचारों ने दुनियाभर को एक नया विचार दिया, गांधी जी के विचारों ने दुनिया को लोकतांत्रिक समझ दी जिनके साथ लोग अहिंसक होकर आंदोलन के नए-नए रचनात्मक तरीकों से अपनी बात मनवाने है, इन्हीं सत्य अहिंसा के विचार ने ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश को हमारे सामने झुकना पड़ा जो हिंसा करके संभव नहीं हो सकता था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्वीटी शर्मा ने गांधी के जीवन परिचय को और उनके जीवन संघर्ष को पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया उन्होंने कहा कि गांधी अपने अनुभवों से ही अपने विचार बनाते थे और हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते थे गांधी दुनिया भर में कौमी एकता अहिंसा के विचार के रूप में हैं गांधी जी जीवन दर्शन को बेहतर करने की सीख देते हैं, और अंततः वह केवल एक राजनीति व्यक्ति नहीं बल्कि समाज निर्माण के रूप में याद किए जाते हैं प्रोफेसर एम0एम0 सेमवाल ने कहा कि गांधीजी लोगों की राजनीतिक सामाजिक वह आर्थिक योजनाओं के साथ लोकतांत्रिक की समझ को बढ़ाते हैं और राजनीतिक में गांधी ने नैतिकता व सहयोग के समावेश की बात की जो कि वर्तमान में सबसे आवश्यक हो गया है गांधी विरोध के नए-नए रचनात्मक विकल्पों को प्रस्तुत करते हैं जो कि आज भी न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के आंदोलनों के लिए सहायक हो रहे हैं प्रोफेसर आर0एन0 गैरोला ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए इनसे गांधी जी के विचारों को नई पीढ़ी को जानने का मौका मिलता है गांधीजी ने न केवल लिखा बल्कि राजनीतिक जीवन में उसे व्यवहार में भी लिया अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉक्टर प्रदीप अंथवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम गांधी जी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित किए जा रहे हैं यह कार्यक्रम होने इसलिए भी जरूरी है कि इस दौर में गांधी को जानना बल्क समझना अति आवश्यक हो गया है इस कार्यक्रम में संचालन शोध छात्रा शिवानी पांडे द्वारा किया गया इस कार्यक्रम में डॉ मनीष कुमार मिश्रा डॉ गिरीश भट्ट मौजूद रहे इस कार्यक्रम में शोध छात्र स्नातक व स्नात्कोत्तर के छात्र मौजूद रहे।

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