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उत्तराखण्ड को शराब मुक्त बनाने की घोषणा करे सरकार-स्वामी शिवानंद


प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगाए जाने का विरोध कर रही देवभूमि सिविल सोसायटी के देवपुरा चैक पर चले रहे धरने व अनशन को बड़ा समर्थन मिला है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार, 22 सितम्बर। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगाए जाने का विरोध कर रही देवभूमि सिविल सोसायटी के देवपुरा चैक पर चले रहे धरने व अनशन को बड़ा समर्थन मिला है। आंदोलन के 21वें दिन मातृसदन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी शिवानंद ब्रह्मचारी महाराज ने धरने पर पहुंचकर आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल में शराब बंदी जैसे निर्णय लिए जा सकते हैं तो सरकार को देवभूमि की मान मर्यादा व पवित्रता ध्यान रखते हुए पूरे उत्तराखण्ड को शराब मुक्त बनाना चाहिए। स्वामी शिवानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि बिहार व गुजरात में पूर्ण रूप से शराब बंदी हो सकती है तो देवभूमि में शराब बंदी का निर्णय सरकार क्यों नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की संस्कृति को नष्ट करने की नीयत से सरकार मात्र धन लाभ के लिए इस तरह के निर्णय को प्रदेश में लागू करने पर आमादा है। गंगा की पवित्रता, निर्मलता व स्वच्छता का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने खोले जाने से गंगा की पवित्रता पर भी गहरा खतरा उत्पन्न होगा। सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए आम जनमानस को जागरूक होकर सरकार के इस गलत निर्णय का खुलकर विरोध करना चाहिए। सजगता से ही सभ्यता व संस्कृति को बचाया जा सकता है। मानव यदि अधर्म के रास्ते पर चलता है तो उसे कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। सरकार को पूरे उत्तराखण्ड को शराब मुक्त करना चाहिए। त्यागी समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष देवदत्त त्यागी, महामंत्री तरूण त्यागी, अशोक मणी त्यागी, डा. त्रिलोक सिंह के अलावा मैक्सी टैक्सी यूनियन के इकबाल सिंह, हरीश भाटिया, गिरीश भाटिया, संजय शर्मा, संजय गुप्ता आदि ने भी आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। पंडित अधीर कौशिक व जेपी बड़ोनी ने धरने पर पहुंचे स्वामी शिवानंद महाराज का फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि धरने व अनशन को 21 दिन बीतने के बाद भी अब तक शासन प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। शराब जीवन के लिए बर्बादी का संकेत है। युवा वर्ग बड़ी संख्या में नशे की और बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को नैतिकता के आधार पर उत्तराखण्ड शराब मुक्त करने की घोषणा करनी चाहिए। ऐसा करने के बजाए सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगाने की नीति को आगे बढ़ा रही है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शराब माफियाओं से घिरे हुए हैं। ऐसे में सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह आंदोलन आम जनता के लिए ही चलाया जा रहा है। भागवताचार्य पवन शास्त्री ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द शराब कारखाने लगाए जाने के निर्णय को वापस लेना चाहिए। प्रदेश भर में शराब के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा। पवन शास्त्री ने यह भी कहा कि नगर निगम बाॅयलाज में धर्मनगरी को मद्यनिषेध घोषित किया गया है। उसके बावजूद भी जगह जगह खुले रूप से शराब बिक रही है। धरने पर अशोकानंद महाराज, नीरज मिश्रा, रामकुमार दीक्षित, कमल मिश्रा, धर्मराज, ललित, रोहित शर्मा, सरिता पुरोहित, हरद्वारी लाल आदि बैठे। 

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