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उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार का आयोजन सम्पन्न


कार्यक्रम का उद्घाटन ख्यातिलब्ध ज्योतिषविद कुलपति प्रोफेसर देवीप्रसाद त्रिपाठी ने किया। "रोग और ज्योतिष" विषय पर आयोजित इस बेबिनार में देश के अनेक विश्वविद्यालयों के पांच सौ से अधिक प्रोफेसरों,सहायक आचार्यों, शोधार्थियों, छात्रों, जिज्ञासुओं ने प्रतिभाग किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार का आयोजन आज सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन ख्यातिलब्ध ज्योतिषविद कुलपति प्रोफेसर देवीप्रसाद त्रिपाठी ने किया। "रोग और ज्योतिष" विषय पर आयोजित इस बेबिनार में देश के अनेक विश्वविद्यालयों के पांच सौ से अधिक प्रोफेसरों,सहायक आचार्यों, शोधार्थियों, छात्रों, जिज्ञासुओं ने प्रतिभाग किया। तीन दिन चले बेबीनार में कोरोना महामारी,मधुमेह, कैंसर, पीलिया,हृदयरोग,नेत्ररोग, जलोदर,बवासीर आदि रोगों के पैदा होने वाले कारणों और उपाय पर चिंतन हुआ।विद्वानों ने इन सभी रोगों के निदान पर अपनी बातें गंभीरता से रखीं। विद्वान कुलपति प्रो देवीप्रसाद त्रिपाठी ने ज्योतिष के अध्येताओं को ज्योतिष के द्वारा ग्रहों के प्रभाव और रोगों के कारणों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि ज्योतिष गणना के द्वारा पता लगाया जाना आसान है कि किस ग्रह के प्रभाव से कौन सा रोग व्यक्ति में संक्रमण फैलाता है ,साथ ही निदान भी ज्योतिष में समाहित है। आज आवश्यकता है इसके ठीक प्रकार से अध्ययन औऱ गणना करने की । कुलपति ने बेबीनार में ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाया। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो प्रेम कुमार शर्मा संकायाध्यक्ष वेद वेदांग संकाय ,सारस्वत अतिथि श्री लालबहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ बिहारी लाल शर्मा थे।विशिष्ट अतिथी प्रो चन्द्रमौली उपाध्याय कार्यक्रम के समन्वयक उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्र डॉ रत्न लाल ने बताया कि त्रि दिवसीय बेबीनार को तीन तकनीकी सत्रों में आयोजित किया गया,जिसमें 80 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए। समापन सत्र के मुख्यातिथि प्रोफेसर प्रेम कुमार शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय थे। कार्यक्रम में प्रोफेसर पी वी बी सुब्बारायडू, प्रोफेसर राम चन्द्र पांडेय, प्रोफेसर वासुदेव शर्मा,डॉ अशोक थपलियाल, प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा, प्रोफेसर भारत भूषण,प्रोफेसर श्याम देव मिश्र, प्रोफेसर हंस दत्त झा सहित अनेक विद्वानों के व्याख्यान भी हुए। बेबीनार में मुख्यरूप से डॉ नंदन तिवारी,डॉ प्रभाकर मिश्र,डॉ रश्मि चतुर्वेदी, डॉ शैलेन्द्र उनियाल, डॉ फणीन्द्र चौधरी, डॉ नवीन पांडेय की भूमिका उल्लेखनीय रही। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने बेबीनार में उपस्थित सभी अभ्यागतों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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