à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने इधर दो उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय पहल की हैं। à¤à¤• तो किसानों को संपतà¥à¤¤à¤¿ कारà¥à¤¡ देने की घोषणा और दूसरा केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ सरकार के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हाथ में नोटों की गडà¥à¤¡à¥€ देना ताकि वे जमकर खरà¥à¤š करें, तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° मनाà¤à¤‚ और बाजारों में खरीदी का दौरदौरा आ जाà¤à¥¤
रिपोर्ट - डॉ. वेदपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक
à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने इधर दो उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय पहल की हैं। à¤à¤• तो किसानों को संपतà¥à¤¤à¤¿ कारà¥à¤¡ देने की घोषणा और दूसरा केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ सरकार के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हाथ में नोटों की गडà¥à¤¡à¥€ देना ताकि वे जमकर खरà¥à¤š करें, तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° मनाà¤à¤‚ और बाजारों में खरीदी का दौरदौरा आ जाà¤à¥¤ देश के करोड़ों किसानों के पास अपने à¤à¥‹à¤ªà¥œà¥‡, मकान और खेती की जमीन à¤à¥€ है। उनकी कीमत चाहे बहà¥à¤¤ कम हो, लेकिन उनके लिठतो वही सब कà¥à¤› है। उनका वह सब कà¥à¤› है लेकिन उनके पास à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं है, जो यह सिदà¥à¤§ कर सके कि वे उसके मालिक हैं। सरकार यह काम पहली बार कर रही है कि कानूनी तौर पर उनकी संपतà¥à¤¤à¤¿ पर उनका सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होगा। शà¥à¤°à¥-शà¥à¤°à¥ में à¤à¤• लाख किसानों को ये कारà¥à¤¡ मिलेंगे। ये किसान छह राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के 750 गांवों में होंगे। धीरे-धीरे देश के सà¤à¥€ किसानों को यह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ हो जाà¤à¤—ी। लेकिन इस किसान-लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ योजना के मारà¥à¤— में कई बाधाà¤à¤‚ हैं। सबसे पहले तो यही कि जब जमीनें नपेंगी तो पड़ौसियों से बड़ी तकरारें होंगी। फिर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ को लेकर à¤à¤¾à¤ˆ-बहनों में à¤à¥œà¤ª हो सकती है। लेकिन यह à¤à¥€ सतà¥à¤¯ है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ खेती को हम बहà¥à¤¤ उपजाऊ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बनाना है, बैंकों से करà¥à¤œ लेना है और कंपनियों से अनà¥à¤¬à¤‚ध करना है तो सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर कानूनी मà¥à¤¹à¤° जरà¥à¤°à¥€ है। यह वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ किसानों के लिठकाफी लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• सिदà¥à¤§ हो सकती है। आजकल कोरोना महामारी की वजह से बाजार ठंडे पड़ गठहैं। बाजार तो हैं लेकिन खरीददार नहीं है। सरकार ने बाजारों में चमक लाने के लिठà¤à¤• आकरà¥à¤·à¤• योजना की चूसनी लटकाई है। इसका आनंद सिरà¥à¤« सरकारी करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ ही ले पाà¤à¤‚गे। सà¤à¥€ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को 10-10 हजार रà¥. अगà¥à¤°à¤¿à¤® मिलेंगे। यह करà¥à¤œ बà¥à¤¯à¤¾à¤œà¤®à¥à¤•à¥à¤¤ होगा। इसे दस किसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में लौटाना होगा। इसके अलावा करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तीन साल में à¤à¤• बार देश में यातà¥à¤°à¤¾ करने का जो à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ मिलता है, वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बिना यातà¥à¤°à¤¾ किठही मिलेगा लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उसका तीन गà¥à¤¨à¤¾ पैसा खरीदी पर लगाना होगा। उसकी रसीद à¤à¥€ देनी होगी। वे à¤à¤¸à¤¾ माल खरीद सकेंगे, जिस पर 12 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ या उससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जीà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ देनी पड़ती है। इसका अरà¥à¤¥ कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† ? यही न कि सरकार जितना पैसा देगी, उससे तीन गà¥à¤¨à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बाजार में आ जाà¤à¤—ा। उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है कि à¤à¤• लाख करोड़ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ बाजार में चला आà¤à¤—ा। यदि राजà¥à¤¯-सरकारें à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ पहल करें तो देश के बाजार चमक उठेंगे। केंदà¥à¤° सरकार राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की सरकारों को à¤à¥€ 12 हजार करोड़ रà¥. का करà¥à¤œ दे रही है और 25 हजार करोड़ रà¥. बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे पर खरà¥à¤š करेगी। ये दोनों पहल सराहनीय हैं लेकिन देश के करोड़ों मज़दूरों के बारे में à¤à¥€ कà¥à¤› पहल शीघà¥à¤° होनी चाहिà¤à¥¤