आम लोगों के साथ मीडिया से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ सारे लोगों में यह à¤à¥à¤°à¤® है कि मीडिया निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· होता है। आज à¤à¥€ मीडिया से यह अपेकà¥à¤·à¤¾ की जाती है कि वह वही à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ जो उसने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन में निà¤à¤¾à¤ˆ थी।
रिपोर्ट - रतनमणी डोà¤à¤¾à¤²
आम लोगों के साथ मीडिया से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ सारे लोगों में यह à¤à¥à¤°à¤® है कि मीडिया निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· होता है। आज à¤à¥€ मीडिया से यह अपेकà¥à¤·à¤¾ की जाती है कि वह वही à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ जो उसने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन में निà¤à¤¾à¤ˆ थी। पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट हो चाहे इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया के बारे में अà¤à¥€ à¤à¥€ यह à¤à¥à¤°à¤® पालना बड़ी à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥‚ल है। यह याद रखना चाहिठकि वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का हर अंग शासक वरà¥à¤— को संरकà¥à¤·à¤£ देता है शोषित वरà¥à¤— का दमन करने वालों का साथ देता है। यह याद रखना चाहिठजब हमारा समाज वरà¥à¤—ों में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ है तो मीडिया à¤à¥€ विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ है। वह शासक वरà¥à¤— के सलाहकार की à¤à¥‚मिका अदा कर रहा है। वह सलाह देता है कि सरकार को बाजार का नियंतà¥à¤°à¤£ नहीं करना चाहिà¤à¥¤ उसको मिनिमम गवरà¥à¤¨à¥‡à¤‚स करना चाहिà¤à¥¤ सब कà¥à¤› मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ के लिठदांव पर लगाया जा रहा है। मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ कमाने के लिठसरकार अपनी ही संपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बेच रही है। मीडिया सरकार की पीठठोक रहा है और उसके पकà¥à¤· में जनमत बनाने का काम कर रहा है। मीडिया ने लोकतंतà¥à¤° में विरोध की आवाज को à¤à¥€ सिकोड़ दिया है। यह देखा जा रहा है कि नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¾ à¤à¥€ कारपोरेट को संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रही है उनके हित आगे बढ़ाठजा रहे हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मीडिया पहले कारपोरेट का हित संरकà¥à¤·à¤£ करता था लेकिन अब मीडिया खà¥à¤¦ कारपोरेट हो गया है, उसके à¤à¥€ घराने हो गठहैं। मीडिया का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ कमाना रह गया है, नà¥à¤¯à¥‚ज पहà¥à¤‚चाना नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह खà¥à¤¦ à¤à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤— हो गया है। उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में जहां अतिरिकà¥à¤¤ शà¥à¤°à¤® तथा उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ सामान से मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ होता है। इसके विपरीत अखबार à¤à¤¸à¤¾ सामान है जिसको लागत मूलà¥à¤¯ से à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कम मूलà¥à¤¯ पर बेचा जाता है ।मोटे अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• अखबार की कीमत 20 से ₹25 बैठती है, जिसे 5-6 रà¥à¤ªà¤ मातà¥à¤° में बेचा जाता है। यही खेल है जिसे समà¤à¤¨à¥‡ की जरूरत है आखिर कैसे 25 रà¥à¤ªà¤ का अखबार 5 रà¥à¤ªà¤ में बेचकर à¤à¥€ मीडिया उदà¥à¤¯à¥‹à¤— करोड़ों का मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ कमाता है। घाटे में अखबार बेचकर à¤à¥€ इस उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का कैसे विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हो रहा है। जब आप इस खेल को समठलेंगे तो फिर 5 रà¥à¤ªà¤ का अखबार खरीद कर आप यह शिकायत नहीं करेंगे कि अखबार में उसकी नà¥à¤¯à¥‚ज कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं आती है और आती à¤à¥€ है तो कौने में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आती है। मीडिया उदà¥à¤¯à¥‹à¤— चलता है सरकार और कारपोरेट घरानों से मिलने वाले विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ से । जिससे उसको अखबार घाटे में बेचकर à¤à¥€ इतना मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ होता है कि वह खà¥à¤¦ कारपोरेट हो गया है इसलिठजो विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ देता है, माडिया उदà¥à¤¯à¥‹à¤—, सरकार व कारपोरेट के हितों की रकà¥à¤·à¤¾ करता है। सरकार के पकà¥à¤· में जनमत और कारपोरेट के लिठबाजार तैयार करता है। इसके लिठवह दलाली तक के लिठतैयार रहता है। मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ के लिठवह सब कà¥à¤› करने को तैयार रहता है। नव उदारीकरण के दौर में मीडिया लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के खिलाफ माहौल बनाने में लगा हà¥à¤† है। सरकार की नीति कà¥à¤¯à¤¾ हो उसमें मंतà¥à¤°à¥€ कौन हो इसके लिठà¤à¥€ मीडिया कारपोरेट घरानों की दलाली करता है लॉबिंग करता है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में तो सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ यह हो गई है कि मीडिया घराने राजनीतिक दलों में कौन नेता हो तथा चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में किसको टिकट दिया जाठइसके लिठà¤à¥€ कारपोरेट घरानों की ओर से लॉबिंग करने लगा है। लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के विपरीत वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ विशेष का चेहरा सामने लाकर उसके पकà¥à¤· में जनमत बनाने का काम किया जा रहा है। राजà¥à¤¯ में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ कौन बने इसके à¤à¥€ लॉबिंग की जाती है। à¤à¤• à¤à¥à¤°à¤® अà¤à¥€ यह है कि जिसका सरकà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ व टीआरपी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होगा उसे विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मिलेगा, लेकिन à¤à¤¸à¤¾ नहीं है। जो लोग अखबारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की थोड़ी à¤à¥€ समठरखते हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता है कि हिंदी अखबारों से बहà¥à¤¤ कम सरकà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ वाले अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ अखबारों की विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ दर तथा हिनà¥à¤¦à¥€ अखबारों के विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ दरों में जमीन आसमान का अंतर है। जो विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ हिंदी के अखबारों में à¤à¤• लाख रà¥à¤ªà¤ में छप जाता है वही विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के अखबार में 10 लाख रà¥à¤ªà¤ में छपता है। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहोता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ वाले पाठक की आय, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ तथा उसकी कà¥à¤°à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ हिंदी अखबार के पाठक से कहीं अधिक है। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के पाठक से बाजार को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फायदा है जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ है इसलिठअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के अखबार में विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ की दर अधिक होती है। नव उदारीकरण के दौर में आरà¥à¤¥à¤¿à¤• असमानता बढ़ने के साथ साथ शहरों व गांव में नव धनाढà¥à¤¯ वरà¥à¤— à¤à¥€ पैदा किया है। 90 के दशक में कार का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ केवल अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के अखबार में ही आता था। हिंदी के अखबार में कार का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ नहीं होता था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह कार नहीं खरीद सकता था। लेकिन 90 के बाद हिंदी के अखबार में à¤à¥€ कार का विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ आने लगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह à¤à¥€ कार खरीदने लगा है। मीडिया अब इतना शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हो गया है कि वह सरकारों बनाने, बिगाड़ने तथा खास विचारधारा की पारà¥à¤Ÿà¥€ के पकà¥à¤· में मà¥à¤¹à¤¿à¤® चलाने में शामिल हो गया है। यह नई नई पीढ़ी, पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ पीढ़ी की लड़ाई करा रहा है। मीडिया तय कर रहा है उसको लोकतंतà¥à¤° से नहीं मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¥‡ से मतलब है इसलिठनीति को पीछे कर नेता को आगे करने में लगा है। वह मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¥‡ की गारंटी के लिठà¤à¤• नेता तथा कारपोरेट के लिठबाजार का वातावरण तैयार करना अपना मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ बना लिया है और इसके लिठवह जमीर à¤à¥€ बेचने को तैयार है। लोकतंतà¥à¤° को वह मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¥‡ में रोड़ा मनता है।