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महिला अधिकार संगठन ने दिया शराब विरोधी आंदोलन को समर्थन


प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगाए जाने का विरोध कर रही देवभूमि सिविल सोसायटी के आंदोलन को महिला अधिकार संगठन ने अपना समर्थन प्रदान किया है।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 24 सितम्बर। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगाए जाने का विरोध कर रही देवभूमि सिविल सोसायटी के आंदोलन को महिला  अधिकार संगठन ने अपना समर्थन प्रदान किया है। देवपुरा चैक पर चले सोसायटी के धरने को संबोधित करते महिला अधिकार संगठन की सचिव हेमा रावल ने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं शराब के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रही हैं। पूरे पर्वतीय क्षेत्र में महिलाओं द्वारा शराब बिक्री का विरोध किया जा रहा है। लेकिन सरकार मातृशक्ति की भावनाओं को दरकिनार कर पर्वतीय क्षेत्र में ही शराब कारखाने लगवा रही है। सरकार की इस नीति को कतई मंजूर नहीं किया जाएगा। रजनी सिंह ने कहा कि शराब सेवन के कारण कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। शराब की वजह हसे अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। महिलाएं उत्पीड़न की घटनाएं भी शराब के कारण ही बढ़ रही हैं। उत्तराखण्ड को पूर्ण रूप से शराब मुक्त किया जाए। इस दौरान शोभा वर्मा, सोनिया, नेहा गोयल, अंजलि वालिया ने भी धरने को अपना पूर्ण समर्थन दिया। सोसायटी के जेपी बड़ोनी व पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सरकार शराब कारखानों को बंद करने के मूड़ में नही है। जबकि जहरीली शराब के कारण हाल फिलहाल में ही देहरादून में सात व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। शराब पीने के कारण युवा वर्ग बेरोजगार हो रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार चाहिए। शराब कारखाने नहीं। नशे के खिलाफ यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शराब कारखानों को बंद कर प्रदेश की जनता का सम्मान करें। सामाजिक सेना के प्रमुख विनोद महाराज ने कहा कि हिमालय में शराब कारखाने लगाए जाएंगे तो गंगा की पवित्रता को गहरा खतरा होगा। गंगा की पवित्रता निर्मलता को लेकर सरकार बड़े बड़े दावे तो करती है। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े बड़े शराब कारखाने लगाने की नीति सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है। पूरा प्रदेश नशा मुक्त होना चाहिए। हरद्वारी लाल व अमजद अली ने कहा कि सभी धर्म समुदाय के लोग नशे के खिलाफ जनजागरूकता पैदा करें। समाज को बचाना है तो नशे के कारोबार को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। दिनेश रावल, अजीम कुरैशी, विपिन कुमार, भागवताचार्य पवन शास्त्री ने भी शराब कारखाने बंद करने की मांग की।

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