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आज किशोर उपाध्याय ने ज़िलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि:-


पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने ज़िलाधिकारी टिहरी गढ़वाल से टिहरी बांध के ऊपर 24 घण्टे आवागमन हेतु दूरभाष वार्ता की और पत्र भी लिखा है।

रिपोर्ट  -  आल न्यूज़ ब्यूरो

“कृपया मेरी दूरभाष वार्ता का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसमें मैंने आपसे टिहरी बांध के ऊपर आवा-जाही हेतु अनुमति देने की अपेक्षा की है। टिहरी बांध देश के विकास के लिये एक मील का पत्थर है, ऐसा कुछ लोगों का मानना है, वहीं कुछ लोग इसे भगीरथ द्वारा लायी गयी गंगा का समाधिस्थल भी मानते हैं और धार्मिक दृष्टिकोण से जिस गंगा माई की एक बूँद संसार छोड़ने वाले व्यक्ति को मिल जाय तो सांसारिक सभी पापों की मुक्ति की अवधारणा का हत्या स्थल भी मानते हैं।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस स्थल के बाद गंगा के जल ने उस गुण को खो दिया है, जिसमें यह गुण था कि वर्षों-वर्षों तक किसी भी पात्र में रखा गंगाजल न कम होता था और न उसमें किसी तरह के जीवाणु व विषाणु प्रवेश करते थे, अब तो मनेरी के ऊपर तक ही के भागीरथी के पानी को सीधे पी सकते हैं। मैं मुद्दे की बात पर आ रहा हूँ, बांध टिहरी और उत्तरकाशी के निवासियों के लिये अभिशाप बन गया है।स्थानीय जलवायु में परिवर्तन हुआ है और भौगोलिक-सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक फलक पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।हमारे जल व जमीं पर हमारा अधिकार नहीं रहा है। और उसकी सबसे बड़ी मिसाल स्थानीय निवासियों को बांध के ऊपर आवागमन की रात में अनुमति न देना है।बांध की सुरक्षा के लिये शासन ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की पुख़्ता व्यवस्था की हुई है, हर आने-जाने वालों की पुख़्ता जाँच करिये, लेकिन स्थानीय लोगों को चौबीस घण्टे बांध के ऊपर आने-जाने की अनुमति दीजिये। अभी कुछ दिन पहले एक वाहन बांध के ऊपर जाने की अनुमति न दिये जाने के कारण झील में समा गया, जिसमें एक युवती, जिसकी आजकल में शादी होनी थी, जिसने अभी दुनिया ठीक ढंग से देखी भी न थी, उसका परिवार ही हमारी कमी के कारण तबाह हो गया। COVID-19 के इस अकल्पित भयंकर काल में जनपद में अधिकतर विवाह संस्कार एक दिनीय हो रहे हैं, विवाह संस्कार काफ़ी समय लेते हैं, विधिवत संस्कारों में पूरा दिन लग जाता है, बांध के ऊपर आवागमन सायं 6:00 बजे बंद कर दिया जाता है, जो कि स्थानीय निवासियों के लिये अत्यन्त असुविधा जनक है। अतः आप अपनी विशेष शक्तियों को उपयोग में लाते हुये तत्काल पहले तो सभी लोगों को बांध के ऊपर आने-जाने की अनुमति का आदेश निर्गत करें, अगर वह सम्भव नहीं है तो टिहरी-उत्तरकाशी के निवासियों को तो आज ही से बांध के ऊपर 24 घण्टे आने-जाने की अनुमति दी जाय। मैंने देश के कई बाँधों को देखा है और जन सुविधा के लिये बाँधों के ऊपर आने-जाने की रोक-टोक मुझे कहीं दिखाई नहीं दी। पड़ोस में हिमाचल का उदाहरण आपके सामने है। अभी चार धाम यात्रा के भी कुछ दिन ही शेष हैं, COVID-19 ने जीवन के हर क्षेत्र पर अत्यन्त प्रतिकूल असर डाला है, इस निर्णय से यात्रा पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा और रोज़गार के अवसरों व आर्थिकी में वृद्धि होगी। आप पुनर्वास निदेशक की महती जिम्मेदारीपूर्ण कर्तव्य भी निभा रही हैं और उस रूप में बांध प्रभावितों और विस्थापितों के जीवन की कठिनाईयों को भी आपको ही दूर करना है। मुझे आशा है, आप आज ही इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेंगी” (किशोर उपाध्याय) पूर्व विधायक

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