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उत्तर प्रदेश में करीब 2000 मेगावाट क्षमता की तापीय बिजली इकाइयों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।


यूपी में बंद हो सकती हैं 2000 मेगावाट की तापीय इकाइयां,उत्पन्न हो सकता है जबर्दस्त बिजली संकट|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रदेश में करीब 2000 मेगावाट क्षमता की तापीय बिजली इकाइयों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।आने वाले समय में हवा की गुणवत्ता और खराब होने के मद्देनजर ईपीसीए ने यूपी और हरियाणा सरकार को उन तापीय बिजली इकाइयों को बंद करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे दी है जो 2015 में तय किए पर्यावरणीय मानकों को पूरा नहीं करते हैं।प्रदेश में सार्वजनिक, निजी व सयुंक्त क्षेत्र में कुल मिलाकर 13000 मेगावाट से ज्यादा क्षमता की ताप बिजली इकाइयां हैं।इनमें बहुत सी इकाइयां काफी पुरानी हैं और ईपीसीए द्वारा निर्धारित पर्यावरणीय मानकों को पूरा नहीं करती हैं।इनमें अनपरा ए बिजली घर की 210-210 मेगावाट क्षमता की तीन और अनपरा बी की 500-500 मेगावाट की दो, ओबरा की 200-200 मेगावाट की पांच इकाइयां, पारीछा की 110-110 मेगावाट की दो और हरदुआगंज की 110 मेगावाट की एक इकाई शामिल हैं।ईपीसीए ने इन बिजलीघरों में प्रदूषण रोकने के लिए फ्यूल गैस डिसल्फराइज्ड सिस्टम (एफजीडीएस) और सेलेक्टिव कैटलिटिक रिड्यूसर (एससीआर) लगाने को कहा है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम इन इकाइयों में एफजीडीएस व एससीआर लगवाने की योजना तैयार कर रहा है।सूत्रों के अनुसार कुछ इकाइयों में काम शुरू भी कराया गया है लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी धीमी है। अगर ईपीसीए इन इकाइयों को बंद करने का आदेश देता है तो प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में 2000 मेगावाट की कमी हो जाएगी और इससे बिजली का जबर्दस्त संकट पैदा हो सकता है।

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