सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस को नेता जी के नाम से à¤à¥€ जाना जाता हैं। वे à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¤µà¤‚ सबसे बड़े नेता थे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 21.10.2020 सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस को नेता जी के नाम से à¤à¥€ जाना जाता हैं। वे à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¤µà¤‚ सबसे बड़े नेता थे। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान, अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के खिलाफ लड़ने के लिये, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जापान के सहयोग से आजाद हिनà¥à¤¦ फौज का गठन किया। नेताजी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिया गया जय हिनà¥à¤¦ का नारा, à¤à¤¾à¤°à¤¤ का राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नारा बना। आजाद हिनà¥à¤¦ फौज के माधà¥à¤¯à¤® से उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ आजादी का बिगà¥à¤² बजाया और तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ खून दो मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ आजादी दूंगा का नारा दिया। इतिहास के पनà¥à¤¨à¥‹à¤‚ से गà¥à¤œà¤°à¥‡ कल पर चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² कांगडी (समविशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯) के असिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डाॅव शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान कहते है कि नेता जी ने 5 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1943 को सिंगापà¥à¤° के टाउन हाल के सामने सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कमाणà¥à¤¡à¤° के रूप में सेना को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ दिलà¥à¤²à¥€ चलो का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ व कामनवेलà¥à¤¥ सेना से बरà¥à¤®à¤¾ सहित इमà¥à¤«à¤¾à¤² और कोहिमा में à¤à¤• साथ जमकर मोरà¥à¤šà¤¾ लिया। सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® 21 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 1943 को सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस ने आजाद हिनà¥à¤¦ फौज के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सेनापति की हैसियत से सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ की असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ सरकार बनायी जिसे जरà¥à¤®à¤¨à¥€, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मानà¥à¤šà¥à¤•à¥‹ और आयरलैंड ने मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की। जापान की सरकार ने अंडमान व निकोबार दà¥à¤µà¥€à¤ª नेताजी की इस असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ सरकार को ही दिये थे। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इन दà¥à¤µà¥€à¤ªà¥‹à¤‚ का नया नामकरण किया गया। सनॠ1944 को आजाद हिनà¥à¤¦ फौज ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ पर दोबारा आकà¥à¤°à¤®à¤£ किया और कà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤ कराया। कोहिमा का यà¥à¤¦à¥à¤§ 4 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया इस à¤à¤¯à¤‚कर यà¥à¤¦à¥à¤§ में जापानी सेना को अनà¥à¤¤ में पीछे हटना पड़ा जो आजादी के लिठà¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मोड़ सिदà¥à¤§ हà¥à¤†à¥¤ 6 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1944 को नेताजी ने रंगून रेडियो सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से महातà¥à¤®à¤¾ गांधी के नाम à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ जारी करते हà¥à¤ इस निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• यà¥à¤¦à¥à¤§ में विजय के लिये उनका आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ और शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ माà¤à¤—ीं। नेताजी की मृतà¥à¤¯à¥ को लेकर आज à¤à¥€ विवाद है। जहाठजापान में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· 18 अगसà¥à¤¤ को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज à¤à¥€ मानना है कि सà¥à¤à¤¾à¤· की मौत 1945 में नहीं हà¥à¤ˆ कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ इसके बाद नेताजी रूस में नजरबनà¥à¤¦ रहे। सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस की मौत की घटना आज à¤à¥€ रहसà¥à¤¯ बनी हà¥à¤ˆ है।