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परमार्थ निकेतन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सपरिवार पधारे


परमार्थ निकेतन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सपरिवार पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर दिव्य गंगा दर्शन किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 24 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सपरिवार पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर दिव्य गंगा दर्शन किया। रात्रि विश्राम के पश्चात अजीत डोभाल जी और श्रीमती डोभाल ने आज प्रातःकाल परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में प्रातःकालीन प्रार्थना और नवरात्रि की सप्तमी तिथि के अवसर पर होने वाले हवन में श्रद्धापूर्वक सहभाग किया एवं राष्ट्रगान में भावपूर्वक सम्मिलित हुये। परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में प्रतिदिन प्रातःकालीन प्रार्थना, हवन, नवरात्रि पर दिव्य उद्बोधन और राष्ट्रगान नियमित रूप से होता है, जिसमें परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, आश्रम में निवास करने वाले सभी सदस्य सहभाग करते हैं। प्रार्थना और पूज्य स्वामी जी के उद्बोधन से न केवल गुरूकुल के ऋषिकुमारों में वरन आश्रम के बच्चों में देशभक्ति, प्रभुभक्ति एवं समाज सेवा का भाव उत्पन्न होता है, साथ ही भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह संदेश प्रसारित होता है, जो परिवारों और बच्चों में संस्कारों के रोपण के साथ तनाव निवारण का भी अमोघ उपाय हैं। आज विश्व पोलियोे दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने भारत की जनता और सरकार को बधाई देते हुये कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि भारत जैैसे विशाल जनसंख्या वाला राष्ट्र पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया गया। वास्वत में यह कार्य सरकार की सतर्कता और जनता की जागरूकता की वजह से सम्भव होे पाया। पोलियो मुक्त राष्ट्र बनाने में मदद करने वाले संगठनों और सभी सम्बंधित लोेगों को धन्यवाद देते हुये कहा कि पोलियोेे नन्हंे बच्चोें का सबसे बड़ा दुश्मन है। पोलियो उन्मूलन कर भारत ने वास्तव में बड़ी उपलब्धि हासिल की है और अब बारी है प्रदूषण मुक्ति की। स्वामी जी नेे कहा कि कोविड-19 के कारण पूरे विश्व के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन समस्याओं में एक बड़ी समस्या छोटे बच्चों के जीवन से सम्बंधित भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक वर्ष से कम आयु के लगभग 80 मिलियन बच्चों का जीवन खतरे में है, क्यों कि कोरोना वायरस महामारी के कारण खसरा, पोलियो और हैजा सहित अन्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण करने में समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु कई वर्षो से चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रमों में बाधा उत्पन्न होने से आने वाले दिनों में अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 65 से अधिक देशों में मार्च और अप्रैल के दौरान खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु टीकाकरण कार्यक्रमों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था या आंशिक रूप से चलाया जा रहा था।

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