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भारत साधु समाज को कुछ फर्जी संत बदनाम कर रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी-ऋषिश्वरानà


भारत साधु समाज का विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा संतो ंके आपसी विवाद के कारण संतों की छवि खराब हो रही है जिस देष में संतों को भगवान का स्थान दिया है वहीं आज ऐसे विवादोें के कारण संत अपनी प्रतिष्ठा को खोते जा रहे है जो समाज का दर्पण कहा जाता है ।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार, 26 सितम्बर। इसी विवाद के चलते आज भारत साधु समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने चेतन ज्योति आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि संगठन के कुछ पदाधिकारी भारत साधु समाज के संगठन को बदनाम करने की नीयत से अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। संस्था के संवैधानिक नियमों का उल्लंघन कर मनमाने तरीके से पदों पर नियुक्ति की जा रही है। जबकि नियुक्ति का अधिकार केवल राष्ट्रीय महामंत्री की संस्तुति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा संगठन को बदनाम करने की नीयत से संस्था के नाम का दुरूपयोग कर षड़यंत्र रचा जा रहा है। स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने यह भी आशंका जताई की कि संस्था की संपत्तियों को खुर्दबुर्द करने की नीयत से इस तरह के प्रपंच रचे जा रहे हैं। जिसको लेकर जल्द ही कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पदों की नियुक्ति करने का अधिकार किसी को नहीं है। संस्था सर्वोच्च है, संस्था के संवैधानिक नियम कानूनों को ताक पर रखकर इस तरह के कार्यो को अंजाम दिया जा रहा है। स्वामी ऋषिश्वरानन्द ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी हरिनारायणानंद अस्वस्थ हैं। इसका लाभ कुछ तथाकथित लोग उठाने के प्रयासों में इस तरह के षड़यंत्रों को अंजाम दे रहे हैं। भारत साधु समाज सर्वोच्च संस्था है। संस्था के मान सम्मान की लड़ाई को लड़ा जाएगा। संस्था को बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई भी की जानी है। संस्था देश भर में धार्मिक सामाजिक कार्यो को अंजाम देती चली आ रही है। लेकिन कुछ शक्तियां षड़यंत्र के तहत संस्था को बदनाम करने में तुली हुई हैं। जल्द ही ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उनको बेनकाब करने का काम किया जाएगा। अपने स्वार्थो को सिद्ध करने की नीयत से संस्था के नाम का दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अनर्गल बयानबाजी, गलत तथ्य पेश कर पदों को मनमाने तरीके से घोषित करना किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। संस्था की गतिविधियों को संचालित करने का अधिकार उन लोगों को ही है जो संवैधानिक तरीके से संस्था के नियमों को मानते चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि झूठी लोकप्रियता अर्जित करने की नीयत से भारत साधु समाज संगठन के नाम का इस्तेमाल करना सरासर गलत है। ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत साधु समाज के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती महाराज हैं। जो फिलहाल कानूनी उलझनों में फंसे हुए हैं। उनकी गैरमोजदूगी में कुछ लोग प्रपंच रच अपने चहेतों को पदों से नवाज रहे हैं। इस तरह के खेल को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। संवैधानिक संस्था के नियमों का पालन सभी को एक समान करना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने वाले भारत साधु समाज संगठन के हितैषी नहीं हो सकते हैं। झूठी लोकप्रियता हासिल करने की नीयत से इस तरह के प्रपंच रचे जा रहे हैं। तीस वर्षो से लगातार भारत साधु समाज संगठन को निस्वार्थ सेवाभाव से अपनी सेवाएं प्रदान करता चला आ रहा हूं। स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा भी संस्था में सक्रिय सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लेकिन कुछ लोग सम्मानित संस्था को बदनाम करने पर आमादा हैं। इस अवसर पर म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द तथा बाबा हठयोगी भी मौजूद रहे। उन्होने कहा कि देश की एकता व अखण्डता को बनाए रखने के लिए पूरे देश के संत समुदाय को एकजुट होकर काम करना होगा। स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज, स्वामी हरिचेतनानन्द व बाबा हठयोगी ने कहा कि जल्द ही संतों का एक प्रतिनिधिमण्डल स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा कि अब पूरा मामला न्यायालय के विचाराधीन है। एसआईटी द्वारा मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर अदालत में पूरे मामला साफ हो जाएगा।

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