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चमोली में आइसीडीएस योजना के अंतर्गत पंचायतों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का रास्ता साफ


जिले में मनरेगा और महिला बाल विकास विभाग की आइसीडीएस योजना के अंतर्गत पंचायतों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 23 अक्टूबर,2020, जिले में मनरेगा और महिला बाल विकास विभाग की आइसीडीएस योजना के अंतर्गत पंचायतों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इन आंगनबाडी केन्द्रों में पंजीकृत नौनिहालों को अब खुद की छत मिलेगी। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आईसीडीएस योजना के अन्तर्गत 3 करोड 75 लाख की लागत से 50 आंगनबाडी भवनों को बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। प्रत्येक भवन निर्माण पर 7.50 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें 5 लाख रुपये मनरेगा और 2.50 लाख रुपये महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने आंगनबाडी भवन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कार्यदायी संस्था को प्रारम्भ में 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान करने के निर्देश डीपीओ को दिए। कहा कि भवन निर्माण कार्य पूरा होने पर ही सम्मपूर्ण धनराशि का भुगतान किया जाए। उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में हुए आंगनबाडी भवनों के निर्माण की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने एवं अवशेष धनराशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में आंगनबाडी भवन निर्माण के लिए नगर निकायों के साथ समन्वय बनाकर आंगनबाडी भवन निर्माण की कार्यवाही करने को कहा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नगर पालिका व नगर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय परिसरों में जो आंगनबाडी भवन निर्माण होने है उनके प्रस्ताव जिला योजना में रखना सुनिश्चित करें और इसकी सूची शिक्षा विभाग को भी उपलब्ध करें। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, सीटीओ तंजीम अली, एपीडी सुमन बिष्ट, डीपीओ संदीप कुमार, डीईओ नरेश कुमार हल्दयानी, ईई आरईएस अला दिया, एई एलपी भट्ट आदि मौजूद थे। जिले में आंगनबाडी के अपने खुद के भवन होने से नौनिहालों को बैठने के साथ पोषाहार खाने, खेलने अध्ययन करने के साथ विभाग की ओर से संचालित अन्य गतिविधियों को लेकर भी जगह की कमी नहीं खलेगी। वहीं केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी बैठने के साथ इनके लिए संचालित योजना का कार्य भी आसानी के साथ पूरा होगा। जिले में 1078 आंगनबाडी केन्द्र है जिसमें से केवल 248 आंगनबाडी के ही अपने भवन बने है। अब एक साथ 50 और आंगनबाडी केंद्रों के खुद के भवन बनने से बडी राहत मिलेगी।

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