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एम्स ऋषिकेश में उपचार कराकर घर लौटी 90 साल की मौली देवी अब उम्र के इस पड़ाव में भी मुस्कान बिखेर रही है।


कोरोना संक्रमित होने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में उपचार कराकर घर लौटी 90 साल की मौली देवी अब उम्र के इस पड़ाव में भी मुस्कान बिखेर रही है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

कोरोना संक्रमित होने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में उपचार कराकर घर लौटी 90 साल की मौली देवी अब उम्र के इस पड़ाव में भी मुस्कान बिखेर रही है। मूलरूप से विकासखंड कीर्तिनगर, जिला टिहरी गढ़वाल की इस वृद्ध महिला को कोविड उपचार हेतु पिछले महीने एम्स में भर्ती कराया गया था। कोरोना संक्रमित मरीजों को उपलब्ध कराए गए बेहतर उपचार और देखभाल की बदौलत अभी तक एम्स से 1600 से अधिक कोविड रोगी ठीक होकर घर लौट चुके हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोविड मरीजों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। पर्याप्त मेडिकल सुविधाओं और अच्छे इलाज के चलते अब तक एम्स संस्थान से सैकड़ों रोगी अभी तक स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। यही नहीं कोविड काल में एम्स के चिकित्सकों व हेल्थ केयर वर्करों ने न केवल कोरोना मरीजों के इलाज में पूर्ण तत्परता से गंभीरता बरती, अपितु विभिन्न विभागों की ओपीडी सेवा, सर्जरी तथा अन्य क्लीनिकल व्यवस्थाओं में सेवा जारी रखते हुए अन्य बीमारियों के रोगियों का भी समुचित इलाज किया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को समुचित और बेहतर मेडिकल सुविधा देने के लिए एम्स प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोविड जब चरम पर था और अन्य अस्पताल कोविड रोगियों का इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर रहे थे, उस दौरान भी कोविड मरीजों का इलाज करने में एम्स ने प्राथमिकता के आधार मरीजों के इलाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए एम्स में पर्याप्त मात्रा में बैड, आईसीयू और वेंटिलेटर्स का प्रबंध किया गया है। उन्होंने एम्स संस्थान के हेल्थ केयर वर्करों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए हेल्थ केयर वर्कर्स की टीम ने जोखिम उठाते हुए दिन-रात अपनी जिम्मेदारी निभाई है।

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