वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने पांच करोड़ साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ विशालकाय पकà¥à¤·à¥€ का जीवाशà¥à¤® किया बरामद|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ विशालकाय पकà¥à¤·à¥€ के जीवाशà¥à¤® की पहचान की है जो लगà¤à¤— पांच करोड़ साल पहले पाया जाता था और जिसके पंख 21 फà¥à¤Ÿ लंबे होते थे।अंटारà¥à¤•à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¾ से 1980 के दशक में बरामद जीवाशà¥à¤® दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ में विचरण वाले पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¤• विलà¥à¤ªà¥à¤¤ समूह के सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ विशालकाय सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करते हैं।तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से समà¥à¤¦à¥à¤° के ऊपर विचरण करने वाले पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में वांडरिंग अलà¥à¤¬à¤¾à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¸ को सबसे बड़ा उड़ने वाला पकà¥à¤·à¥€ कहा जाता है और इनके पंख, सà¤à¥€ परिंदों में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लंबे यानी साढ़े 11 फà¥à¤Ÿ तक फैल सकते हैं।पेलेगोरà¥à¤¨à¤¿à¤¥à¤¿à¤¡ कहे जाने वाले पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने आज के अलà¥à¤¬à¤¾à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸ की तरह à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को à¤à¤°à¤¾ और कम से कम छह करोड़ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक पृथà¥à¤µà¥€ के महासागरों में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से यातà¥à¤°à¤¾ की।