मानव सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ का 8000 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ ‘नमसà¥à¤•à¤¾à¤°â€™
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
आठहजार वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को अपने में समेटे राखीगढ़ी से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नमसà¥à¤•à¤¾à¤° मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ वाली यह दà¥à¤°à¥à¤²à¤ मूरà¥à¤¤à¤¿ विशà¥à¤µ को अपना वह परिचय नहीं दे सकी है,जिसके योगà¥à¤¯ वह है।आज,जब विशà¥à¤µ हैंड-शेक को तज नमसà¥à¤•à¤¾à¤° कर रहा है, अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ का यह पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ अहम हो जाता है।यह मूरà¥à¤¤à¤¿ इस बात को à¤à¥€ सिदà¥à¤§ कर देती है कि आरà¥à¤¯ विदेशी नहीं थे।हरियाणा के हिसार सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ राखीगढ़ी कसà¥à¤¬à¥‡ में टीलों के नीचे आठसे छह हजार वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के अवशेष मिले हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— कà¥à¤› चरणों में खोदाई कर चà¥à¤•à¤¾ है, जबकि कà¥à¤› का होना शेष है। यहां अब तक मिले विविध साकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करते हà¥à¤ योगी की मूरà¥à¤¤à¤¿à¥¤à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ इसलिठकि सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के विकासकà¥à¤°à¤® में अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ का यह साकà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® और दà¥à¤°à¥à¤²à¤ है। दूसरा, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ योग परंपरा में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– योगासन पदà¥à¤®à¤¾à¤¸à¤¨ की मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में बैठे हà¥à¤ योगी को इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ में अपनी दोनों हथेलियों को नमसà¥à¤•à¤¾à¤° मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में जोड़े हà¥à¤ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है।इससे पशà¥à¤šà¤¿à¤® के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का वह दावा औंधे मà¥à¤‚ह गिर जाता है, जो आरà¥à¤¯à¥‹ को विदेशी मूल का बताता आया है।यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और इतिहास के इस महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤• पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ विशà¥à¤µ के समà¥à¤®à¥à¤– उस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° नहीं रख सका, जिसकी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।