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स्तन कैंसर से पीड़ित लाखों महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है।


स्तन कैंसर से पीड़ित लाखों महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है।द इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च लंदन और द रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन के शोधकर्ता एक ऐसी जांच प्रक्रिया विकसित करने में कामयाब हो रहे हैं|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

स्तन कैंसर से पीड़ित लाखों महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है।द इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च लंदन और द रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन के शोधकर्ता एक ऐसी जांच प्रक्रिया विकसित करने में कामयाब हो रहे हैं,जो इस जानलेवा बीमारी के दोबारा उभरने की आशंका बताने में सक्षम हैं।इस सर्जरी से गुजरने वाली उन महिलाओं की पहचान करना संभव होगा,जिन्हें लंबे समय तक कीमोथेरेपी देने की जरूरत पड़ेगी। शोध दल से जुड़ी प्रोफेसर आर्नी पुरुषोत्तम की मानें तो नई जांच प्रक्रिया स्तन कैंसर की पुष्टि के बाद मरीज को 2 हफ्ते तक दी जाने वाली हार्मोन थेरेपी को लेकर उसके शरीर की प्रतिक्रिया आंकती है। यह थैरेपी आईस्ट्रोजेन हार्मोन का उत्पादन रोकने के लिए दी जाती है,जो ट्यूमर के विकास का सबब बन सकता है। पुरुषोत्तम ने बताया कि जांच प्रक्रिया में हार्मोन थैरेपी से केआई-67 प्रोटीन के स्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव के आधार पर कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं के विकास में आए बदलाव पर नजर रखी जाती है।

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