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पौड़ी में अभियान जिम्मेदारी के तहत स्कूली बच्चों को सिखाएं यातायात के नियम


प्राप्त यातायात निदेशालय देहरादून के अभियान जिम्मेदारी के प्राप्त 10 प्रश्नोत्तरी को आज दिनांक 30-09-19 को कलावती मोन्टेशरी स्कूल में व पब्लिक स्कूल पैठाणी में व थाना सतपुली क्षेत्रान्तर्गत राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विघालय में छात्र-छात्राओं को समझाकर वितरित करते हुए यातायात के नियमों के पालन किये जाने व जनजागरूकता कार्यक्रम के संदेश को प्रचारित किये जाने का अनुरोध किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिण्डियाल

से प्राप्त यातायात निदेशालय देहरादून के अभियान जिम्मेदारी के प्राप्त 10 प्रश्नोत्तरी को आज दिनांक 30-09-19 को कलावती मोन्टेशरी स्कूल में व पब्लिक स्कूल पैठाणी में व थाना सतपुली क्षेत्रान्तर्गत राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विघालय में छात्र-छात्राओं को समझाकर वितरित करते हुए यातायात के नियमों के पालन किये जाने व जनजागरूकता कार्यक्रम के संदेश को प्रचारित किये जाने का अनुरोध किया गया। अभियान जिम्मेदारी क्या है पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा अभियान “जिम्मेदारी“ को प्रारम्भ किया गया जिसके तहत उत्तराखण्ड के सभी जनपदों को यातायात निदेशालय द्वारा 10 वैकल्पिक प्रश्नों का एक प्रश्नपत्र दिया जा रहा है। जिसे जनपदों द्वारा अपने-अपने स्कूलों में आवंटित किया जायेगा। यातायात निदेशालय द्वारा राज्य के स्कूलों में इस प्रश्न पत्र की एक लाख प्रतियां आवंटित की जाएगी। उसके पश्चात स्कूलों के द्वारा कक्षा 10 तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को यह प्रश्न पत्र आवंटित किया जायेगा। इस प्रश्नपत्र में यातायात से सम्बन्धित प्रश्न पूछे गये है जिन प्रश्नों का उत्तर छात्र-छात्राओं द्वारा अपने माता-पिता से पूछकर उनके द्वारा दिए गये उत्तर के सम्मुख सही का निशान लगाना है और प्रश्नपत्र को वापस अपने-अपने स्कूलों में जमा करवाना है। इस हल प्रश्नपत्र को जनपदों के द्वारा स्कूलों से प्राप्त कर यातायात निदेशालय को भेजेंगे। इन सभी हल प्रश्न पत्रों को जाँच करने के पश्चात यातायात निदेशालय द्वारा सबसे बेहतर रहने वालों स्कूलों को पुरूष्कृत किया जायेगा। वर्तमान समय में स्कूलों में यातायात जागरूकता को लेकर कोई भी इस तरह का नया अनूठा प्रयोग नहीं किया गया है कि जिसमें छात्र-छात्राओं के परिजनों को स्वयं को जानने व परखने का मौका मिले। इन प्रश्नपत्रों से सीधे तौर पर एक लाख बच्चों के घरों तक यातायात के नियमों के प्रति उनकी जागरुकता का पता भी चलेगा। साथ ही यह भी एहसास कराना है कि वे यातायात के प्रति जागरुक है भी या नहीं। इस अभियान को चलाने का उद्देश्य यह भी है कि समाज और अपने परिवार के प्रति लोग आज जिम्मेदार है भी या नहीं। साथ ही वह यातायात नियमों का पालन करते भी है या नहीं या केवल दुसरों को ही जिम्मेदार ठहराते रहते है। उम्मीद है कि इसके पश्चात सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझते हुए यातायात के नियमों का पालन करेंगे।

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