परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने आज कारà¥à¤¤à¤¿à¤• कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ जिसे अहोई अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ कहा जाता है
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 8 नवमà¥à¤¬à¤° परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने आज कारà¥à¤¤à¤¿à¤• कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ जिसे अहोई अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ कहा जाता है का आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ बताते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अहोई अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ का वà¥à¤°à¤¤ मातायें अपनी संतान के उतà¥à¤¤à¤® सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ à¤à¤µà¤‚ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ के लिये करती हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि परà¥à¤µ और तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का अहम हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• परà¥à¤µ का आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ के साथ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ à¤à¥€ है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से जोड़ना और घरों में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जीवंत बनाये रखना जरूरी है। साथ ही परà¥à¤µà¥‹à¤‚ के वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• महतà¥à¤µ को समà¤à¤¨à¤¾ और उस संदेश को आगे आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤‚चाना उससे à¤à¥€ अधिक आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ और दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ जीवन के लिये पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण मà¥à¤•à¥à¤¤ रखना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है इसलिये परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की मà¥à¤¹à¤¿à¤® में सà¥à¤µà¤‚य à¤à¥€ जà¥à¥œà¥‡ और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ जोड़े। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये विशेषकर वयसà¥à¤• बचà¥à¤šà¥‡ महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ सकते हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बचपन से ही सिखाना होगा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के साथ हमारा संबंध सहयोग पर आधारित होना चाहिये और दृà¥à¤¤à¤¾ के साथ इसका पालन किया जाना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¥à¤® पाठशाला उनका अपना घर होता है अगर परिवार के सदसà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों का नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¸à¤‚गत इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करंेगे तो ही बचà¥à¤šà¥‡ इसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनशील होंगे इसलिये यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना होगा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संतà¥à¤²à¤¨ बना रहे तथा वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में आने वाली सà¤à¥€ पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ कोे à¤à¤• समान रूप पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने का अवसर मिलता रहे। आगे आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ à¤à¤°à¤ªà¥‚र पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधन और शà¥à¤¦à¥à¤§ वातावरण पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। हम यह कोशिश करें कि हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ पीà¥à¥€ को जितना शà¥à¤¦à¥à¤§ वातावरण मिला हà¥à¤† हैं वैसा ही à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। अगर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ पीà¥à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों का उपà¤à¥‹à¤— अपनी जरूरतों से कहीं अधिक करेगी तो जल, जंगल, जमीन और वायॠजैसे पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¤ उपहारों की विरासत आगे आने वाली पीà¥à¥€ के लिये उनकी जरूरत के हिसाब से नहीं बचेगी इसलिये आज अहोई अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ के अवसर पर मातायंे संकलà¥à¤ª लें कि अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को नैसरà¥à¤—िक जीवन जीने के लिये पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करेंगी ताकि वे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित नहीं करेंगे।.