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भारत एक हजार साल तक गुलाम रहा:शौर्य डोभाल


"इण्डिया 2050: विश्व गुरु बनेगा भारत" वार्ता शीर्षक विषय पर इण्डिया फाउण्डेंशन, थिंक टैंक के संस्थापक व डायरेक्टर शौर्य डोभाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत एक हजार साल तक गुलाम रहा औरों ने देश को चलाया फिर आजादी मिली। अब आजादी मिले 75 साल हो चुके है, अब भारत एक स्ट्रोंग भारत है।

रिपोर्ट  - 

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय सभागार में "इण्डिया 2050: विश्व गुरु बनेगा भारत" वार्ता शीर्षक विषय पर इण्डिया फाउण्डेंशन, थिंक टैंक के संस्थापक व डायरेक्टर शौर्य डोभाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत एक हजार साल तक गुलाम रहा औरों ने देश को चलाया फिर आजादी मिली। अब आजादी मिले 75 साल हो चुके है, अब भारत एक स्ट्रोंग भारत है। आजादी के बाद देश ने तरक्की के नए मार्ग खोजे और चलना शुरू किया। 1970 दशक के बाद भारत न्यूक्लियर पावर के रूप विश्व में अपना धाक बना चुका है। उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद नई-नई तकनीकों का प्रयोग किया। देश को आगे ले जाने के लिए अलग-अलग राज्यों में फैक्ट्रियों का खोलना शुरू किया। उस समय भारत के साथ कोई भी देश खड़ा नहीं था। मगर आज भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब कोई भारतीय विदेश जाता है तो उसके वीजे पर अशोक का चिन्ह दिखाई पड़ता है। विदेशियों को ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक व्यक्ति नहीं, इसके साथ 130 करोड़ लोगों की शक्ति खड़ी है। उन्होंने कहा कि हमको गरीब बनाया गया, जी.डी.पी. देश की वार्षिक आय है यह आजादी के समये 30 पैसे थी जो अब 100 रुपये लाने में 16 देश है, जिनकी 3 ट्रिलियन जी.डी.पी. है। 100 रुपये लाने में परिवार की तीन पीढ़िया चली गयी। अगले 5 वर्ष में 5 ट्रिलियन हो जाएगी। अगले 2.3 सालों में 1 ट्रिलियन जोड़ेंगे। हर 6 माह में एक पाकिस्तान जोड़ेंगे। भारत स्ट्रांग इण्डिया में बदल रहा है। अब नई पीढ़ी को तैयार कर रहे है। उन्होंने कहा कि अब एक शक्तिशाली भारत, समृद्ध भारत और फेयर भारत, हमारे सामने है। आज गांव और शहर में भेदभाव की दूरियां खत्म हो गयी है। देश में लगातार टेलेंट बढ़ रहा है। और बदलता हुआ हिन्दुस्तान दिखाई दे रहा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने क्षेत्र में महारथी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनियां को भी एयर ड्राफ्ट बनाकर बेचेगा, जिससे भारत का पूरे विश्व में दबदबा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। इसके परिणाम समाज व देश पर पड़ रहे हैं। इस कार्य के लिए संस्थाओं और सरकार को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। वर्तमान में योगा एक विश्व की धरोहर बन गया है। उसी प्रकार से ध्यान प्रक्रिया पर भी जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक विश्वविद्यालय के कुलसचिव, प्रो0 दिनेशचन्द्र भट्ट ने शौर्य डोभाल का कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व जीवन परिचय दिया। शौर्य डोभाल पौड़ी जिले के राज घराने परिवार में पैदा हुए, वर्तमान में राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद के अध्यक्ष अजीत डोभाल के सुपुत्र हैं। देश के निर्माण में अजीत डोभाल का अनुकरणीय योगदान है। इस अवसर पर प्रो0 अम्बुज शर्मा, प्रो0 दिनेशचन्द्र शास्त्री, डा0 कपिल गोयल, डा0 नीतिन भारद्वाज और अन्य छात्रों ने शौय डोभाल से खुले मंच के माध्यम से प्रश्न पूछे। प्रातः बेला में यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शौर्य डोभाल और यज्ञ के ब्रह्मा, प्रो0 सोमदेव शतांशु थे। यज्ञ में पूर्व आचार्य प्रो0 वेद प्रकाश शास्त्री, प्रो0 जयदेव वेदालंकार, प्रो0 ईश्वर भारद्वाज, प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार, प्रो0 नमिता जोशी, प्रो0 अंजली गोयल, डा0 मंजुषा कौशिक, डा0 निधि हाण्डा, डा0 आभा शुक्ला, प्रो0 सुचित्रा मलिक, प्रो0 आर0के0एस0 डागर, प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, प्रो0 एस0के0 श्रीवास्तव, डा0 श्वेतांक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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