हेमवती नंदन गढवाल विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में आरकà¥à¤·à¤£ की à¤à¥‚मिका ' विषय को लेकर à¤à¤• दिवसीय परिचरà¥à¤šà¤¾ का आयोजन किया गया ।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
हेमवती नंदन गढवाल विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में आरकà¥à¤·à¤£ की à¤à¥‚मिका ' विषय को लेकर à¤à¤• दिवसीय परिचरà¥à¤šà¤¾ का आयोजन किया गया । इस अवसर पर राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— के शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ ,शोधारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपने विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किठ। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकरते हà¥à¤ शोध छातà¥à¤° महेश à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने इस विषय का परिचय दिया तथा इसके बाद चरà¥à¤šà¤¾ के आरंठमें शोध छातà¥à¤° मयंक उनियाल ने सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को पà¥à¤¨à¤ƒ परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करने की जरूरत को रेखांकित करते हà¥à¤ कहा कि इसे सही अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में देखा जाना चहिये ताकि आरकà¥à¤·à¤£ का सही मंतवà¥à¤¯ पूरा हो सके । अंकित रांय ने सरकारों के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की तरफ संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ जाहिर करते हà¥à¤ उसकी समीकà¥à¤·à¤¾ करने तथा इसके विषय में और अधिक जागरूकता फैलाने के सà¥à¤à¤¾à¤µ दिया । इसके बाद सà¥à¤¶à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° ने आरकà¥à¤·à¤£ के संवैधानिक पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को रेखांकित करते हà¥à¤ अपनी बात रखी, शोध छातà¥à¤° सà¥à¤¶à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि आरकà¥à¤·à¤£ जहां à¤à¤• तरफ पिछडे वरà¥à¤—ों के लिठवरदान है वहीं इससे सामानà¥à¤¯ वरà¥à¤—ों को à¤à¥€ जोड़ने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है और इस तरह इसे सामाजिक संदरà¥à¤à¥‹à¤‚ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रà¥à¤ª से देखा जाना चाहिठताकि अनà¥à¤¯ वरà¥à¤— à¤à¥€ सापेकà¥à¤· रूप से लाà¤à¤¾à¤‚वित हो सके । इसके बाद पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¼à¥‡à¤¸à¤° आर à¤à¤¨ गैरोला ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ में सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को आरà¥à¤¥à¤¿à¤• तथा राजनैतिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ से पहले उलà¥à¤²à¥‡à¤–ित किया गया है इसका अरà¥à¤¥ है कि वासà¥à¤¤à¤µ में सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की अवधारणा की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ संविधान का पहला करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ समाज की पहली जरà¥à¤°à¤¤ है । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस संदरà¥à¤ में वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के सही अरà¥à¤¥ को विशेष रूप से वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ चैतनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¤à¥ ,कबीर , सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद, महातà¥à¤®à¤¾ गांधी तथा डॉकà¥à¤Ÿà¤° बीआर अंबेडकर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस बात पर जोर दिया कि निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से आरकà¥à¤·à¤£ के पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हाशिये पर खड़े अंतिम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की बेहतरी,à¤à¤²à¤¾à¤ˆ à¤à¤µà¤‚ उनके उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठकारà¥à¤¯ हà¥à¤† है और वकà¥à¤¤ के साथ बदलती आरकà¥à¤·à¤£ की à¤à¥‚मिका,इसकी जरूरत का ही परिणाम था