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श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद


इस यात्रा वर्ष साढ़े तेईस हजार तीर्थयात्री गंगोत्री धाम के दर्शन को पहुंचे। कल 16 नवंबर श्री केदारनाथ धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद होंगे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

उत्तरकाशी : 15 नवंबर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज 12 बजकर .15 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुण तीर्थपुरोहित मौजूद रहे। आज अन्नकूट- गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा अर्चना कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए। इस यात्रा वर्ष साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए।कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर विधायक गंगोत्री एवं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य गोपाल रावत, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी देवेन्द्र सिंह नेगी गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, दीपक सेमवाल,राजेश सेमवाल, हरीश सेमवाल सहित पुलिस -प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कल 16 नवंबर भैयादूज के अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट प्रात: 8.30 बजे एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट दिन 12 बजकर 15 मिनट पर बंद होंगे। जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार 19 नवंबर शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट भी 19 नवंबर को प्रात:7 बजे बंद होंगे। जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर को बंद हुए। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये। इस बार श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली 22 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच रही है। इसी दिन परंपरा के अनुसार श्री मद्महेश्वर मेला भी आयोजित होता है।

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