उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सीà¤à¤® योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ अपने दो दिनी उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के दौरे पर रविवार को अपने पैतृक à¤à¥‚मि गà¥à¤µà¤¾à¤² पहà¥à¤šà¥‡à¥¤
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
गोरखपà¥à¤°/देहरादून/गà¥à¤µà¤¾à¤²- उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सीà¤à¤® योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ अपने दो दिनी उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के दौरे पर रविवार को अपने पैतृक à¤à¥‚मि गà¥à¤µà¤¾à¤² पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ सीà¤à¤® योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के शà¥à¤°à¥€ केदारनाथ धाम व शà¥à¤°à¥€ बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ धाम के दरà¥à¤¶à¤¨ उपरानà¥à¤¤ बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ धाम में à¤à¤• à¤à¤•à¤¡à¤¼ à¤à¥‚मि पर ४० कमरों वाले उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• आवास गृह का शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ करेंगे। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ रहे मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ दो दिनी à¤à¥à¤°à¤®à¤£ पर आज दोपहर गोरखपà¥à¤° से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड पहà¥à¤‚च गठहैं।जॉलीगà¥à¤°à¤¾à¤‚ट विमानपतà¥à¤¤à¤¨ पे मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ शà¥à¤°à¥€ बदरीनाथ धाम में कल उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• आवास गृह का वे शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ करेंगे। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤‚दà¥à¤° सिंह रावत के साथ वह कल केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¥€ शामिल होंगे। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ आज गोरखपà¥à¤° से करीब सवा दो बजे देहरादून पहà¥à¤‚चे। यहां से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤‚दà¥à¤° रावत के साथ वह केदारनाथ मंदिर के लिठरवाना गठऔर शाम को पूजा आदि कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शामिल होंगे। सोमवार को तड़के साढ़े चार बजे वह उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के सीà¤à¤® के साथ केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शामिल होंगे। इसके बाद वह बदरीनाथ धाम के लिठरवाना होंगे और बदरीनाथ धाम में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• आवास गृह का शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ करेंगे। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ रहे दिवाली मनाने शनिवार को वे गोरखपà¥à¤° पहà¥à¤‚चे थे। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ की रविवार की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ परंपरागत रही। तड़के उठकर सबसे पहले उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। वैदिक मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤° के बीच पूरे विधि-विधान से बाबा गोरखनाथ की पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने के बाद मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अपने गà¥à¤°à¥ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ महंत अवेदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ के समाधि सà¥à¤¥à¤² पर पहà¥à¤‚चे और उनका आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। दोपहर बाद ‘शà¥à¤°à¥€ गोरखनाथ आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦â€™ अगरबतà¥â€à¤¤à¥€ का लोकारà¥à¤ªà¤£ कर सीà¤à¤® उतà¥â€à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लिठरवाना हो गà¤à¥¤ गायों को खिलाया गà¥à¤¡à¤¼-चना मंदिर परिसर में वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का जायजा लेने के बाद मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ गोशाला पहà¥à¤‚चे और वहां कà¥à¤› समय गायों के बीच गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾à¥¤ इस दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बाकायदा कई गायों को उनके नाम से बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° पà¥à¤šà¤•à¤¾à¤°à¤¾ और अपने हाथ से गà¥à¥œ-चना à¤à¥€ खिलाया। नियमित दिनचरà¥à¤¯à¤¾ का यह सिलसिला सà¥à¤¬à¤¹ करीब 8ः30 बजे तक चला। इसके बाद सीà¤à¤® ने उनसे मिलने आठकà¥à¤› लोगों से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की। सीà¤à¤® से मिलने के कई जिलों से à¤à¥‹à¤° से ही फरियादी मंदिर में पहà¥à¤‚च गठथे। सीà¤à¤® ने फरियादियों से मिलकर उनकी समसà¥â€à¤¯à¤¾à¤“ं को सà¥à¤¨à¤¾ और अधिकारियों को समसà¥â€à¤¯à¤¾à¤“ं के तà¥â€à¤µà¤°à¤¿à¤¤ निसà¥â€à¤¤à¤¾à¤°à¤£ का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिà¤à¥¤ गोरखपà¥à¤° से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लिठरवाना हà¥à¤ सीà¤à¤®Â मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को दोपहर बाद उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लिठरवाना हà¥à¤à¥¤ वह केदारनाथ और बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ धाम की यातà¥à¤°à¤¾ पर जा रहे हैं। रवाना होने से पहले पर केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ औषधि à¤à¤µà¤‚ सगंध पौधा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (सी-मैप), महायोगी गोरखनाथ कृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤° और गोरखनाथ मंदिर के सहयोग से मंदिर में खिले फूलों से बनी अगरबतà¥à¤¤à¥€ ‘शà¥à¤°à¥€à¤—ोरखनाथ आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦â€™ का लोकारà¥à¤ªà¤£ किया। इस अवसर पर मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा कि मंदिर में चà¥à¤¾à¤ गठफूलों से अगरबतà¥à¤¤à¥€ बनाने के इस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से वेसà¥à¤Ÿ को वेलà¥à¤¥ में बदलने की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ साकार हो रही है। इससे आसà¥à¤¥à¤¾ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ मिल रहा है। साथ ही यह महिला सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ की दिशा में à¤à¥€ बड़ा कदम है। सीà¤à¤® योगी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मनीषा में कहा गया है कि इस धरती पर कà¥à¤› à¤à¥€ अयोगà¥à¤¯ नहीं है। फरà¥à¤• सिरà¥à¤« दृषà¥à¤Ÿà¤¿ का है। जैसी दृषà¥à¤Ÿà¤¿, वैसी सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¥¤ निषà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¥à¤¯ फूलों से अगरबतà¥à¤¤à¥€ व धूपबतà¥à¤¤à¥€ बनाने का यह कारà¥à¤¯ सकारातà¥à¤®à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से ही संà¤à¤µ हà¥à¤† है। अब तक मंदिरों में चà¥à¤¾à¤ गठफूल फेंक दिठजाते थे या नदियों में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कर दिठजाते थे। इससे आसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ आहत होती थी और कचरा à¤à¥€ खड़ा हो रहा था।Â