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प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है अन्नकूट महोत्सव: स्वामी अवधेशानंद गिरि


भारत माता मंदिर में श्रद्धापूर्वक मनाया गया अन्नकूट महोत्सव

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 15 नवम्बर। भारत माता मंदिर, समन्वय सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य म.मं. स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के सानिध्य में अन्नकूट महोत्सव श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य म.मं. स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि अन्नकूट महोत्सव प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है जो द्वापर में भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोप, ग्वालों के संग गोवर्धन पर्वत की पूजा के साथ प्रारंभ हुआ और वर्तमान में प्रकृति के संरक्षण का संदेश देने का सशक्त माध्यम बना हुआ है। भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट, भारत माता जनहित ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी आई.डी. शर्मा शास्त्री ने कहा कि भारत माता मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की परम्परा पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज ने स्थापित की थी जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा भाव प्रकट करने का माध्यम है। वर्तमान में भी श्रद्धा भाव से अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। भारत माता मंदिर के श्रीमहंत स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि भारत माता मंदिर की स्थापना कर ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज ने राष्ट्र की एकता, अखण्डता को बढ़ावा देने का कार्य किया था। उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का आचार्य म.मं. स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज कुशलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। अन्नकूट महोत्सव के मध्य उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भारत माता मंदिर पहुंचे और उन्होंने आचार्य म.मं. स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारत माता मंदिर विश्व में शांति और सद्भावना को कायम रखने का संदेश देने का केंद्र है और पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज समन्वयवादी संत थे जिनकी परम्परा को वर्तमान संस्था के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानन्द गिरि आगे बढ़ाने कार्य कर रहे हैं।

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