संविधान दिवस के अवसर पर हेमवती नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
संविधान दिवस के अवसर पर हेमवती नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान के सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ और मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठ2015 से सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस दिन को मनाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ हेमवती ननà¥à¤¦à¤¨ बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के विधि विà¤à¤¾à¤— के विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹à¥¦ सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, अतिथि वकà¥à¤¤à¤¾ जामिया मिलिया इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के डॉ नावेद जमाल ने वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ दिà¤à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ मानविकी à¤à¤µà¤‚ समाज विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ संकाय के संकायाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹à¥¦ सी à¤à¤¸ सूद ने की। वेब सेमिनार की शà¥à¤°à¥‚आत कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के समनà¥à¤µà¤¯ पà¥à¤°à¥‹à¥¦ à¤à¤®à¥¦à¤à¤® सेमवाल ने संविधान की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का पाठकर के किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमारा संविधान बनाने वाली सà¤à¤¾ वासà¥à¤¤à¤µ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ थी जिसमें सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों और कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से लोग थे। हमारा संविधान बेमिशाल है जो कि सà¤à¥€ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ और समानता को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करता है और समय के अनà¥à¤•à¥‚ल अपने मे बदलाव लाने के नियम à¤à¥€ खà¥à¤¦ में समाहित करता है जो कि समयानà¥à¤¸à¤¾à¤° परिवरà¥à¤¤à¤¨ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ बदलावों की गà¥à¤‚जाइश ने हमारे संविधान को आज à¤à¥€ जीवंत और सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¯ बनाये रखा है। यह पिछले 70 सालों से जीवंत, सतत और गतिशील है जो कि हमें सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मागदरà¥à¤¶à¤¨ देता है। यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ की विविधता में à¤à¤•à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। पà¥à¤°à¥‹à¥¦ सेमवाल ने कहा कि इस तरह के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पूरे देश में आयोजित किये जा रहे है। ताकि यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ को संविधान और अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक किया जा सके। मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ हेमवती ननà¥à¤¦à¤¨ बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के विधि विà¤à¤¾à¤— के विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹à¥¦ सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि संविधान दिवस मनाने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ वरà¥à¤· 1979 में तब हà¥à¤ˆ जब à¤à¤² à¤à¤® सिंधवी ने सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ बार à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ को यह दिवस मनाने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ दिया तब से लेकर वरà¥à¤· 2015 तक इस दिवस को कानून दिवस के रà¥à¤ª में मनाया जाता रहा था तथा उसके बाद इसे संविधान दिवस के रूप में मनाने की शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ हà¥à¤ˆ । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संविधान राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का पवितà¥à¤° गà¥à¤°à¤‚थ है जिसे सà¤à¥€ नागरिकों को समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठ। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान को "à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ जनता की आकांकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का दरà¥à¤ªà¤£" कहकर संबोधित किया जिसमें जनता सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š है । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया कि संविधान ,साधारण विधि से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ तथा सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š है । इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ संसदीय वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से अलग संवैधानिक सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤šà¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है जिसमें नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥‹à¤•à¤¨ जैसे गà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के संदरà¥à¤ में पंडित नेहरॠतथा डॉ अंबेडकर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संविधान सà¤à¤¾ में दिठगठà¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ विशेष रà¥à¤ª से उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान के विशेष गà¥à¤£ संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾, लोकतंतà¥à¤°, गणराजà¥à¤¯, समाजवाद तथा धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ है जो इसे दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के संविधानों से अलग खड़ा करता है। संविधान जनता की संपतà¥à¤¤à¤¿ है à¤à¤µà¤‚ वही इसका संरकà¥à¤·à¤£ करती है। अतः आवशà¥à¤¯à¤• है कि जनता जागरà¥à¤• रहकर इसकी कारà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को समà¤à¥‡à¥¤