Latest News

उत्तर प्रदेश में दस माह में पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार के 42 मुकदमे


यूपी में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का बढ़ा दायरा, दस माह में पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार के 42 मुकदमे

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

उत्तर प्रदेश के महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार क्रशर कारोबारी की मौत के मामले में न सिर्फ भगोड़ा घोषित हैं,बल्कि पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश भी कर रही है।भ्रष्टाचार के संगीन मामले में डीआइजी अरविंद सेन और डीआइजी दिनेश चंद्र दुबे निलंबित किए जा चुके हैं।कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में पुलिसकर्मियों ने ही खुद अपनों की ही मुखबिरी की और पूरे महकमे को शर्मसार किया।ऐसी घटनाओं के बाद सूबे में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का दायरा बढ़ा है।इस वर्ष एक जनवरी से 31 अक्टूबर के बीच भ्रष्टाचार की शिकायतों पर पुलिसकर्मियों के विरुद्ध 42 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में अराजपत्रित पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई का चाबुक लगातार चल रहा है। पुलिस के आंकड़े ही खाकी के दामन पर बढ़ते छींटों की गवाही भी देते हैं।भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ी है,लेकिन उनकी शिकायतें भी कम होती नजर नहीं आ रहीं।भ्रष्टाचार के मामलों में इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक पर कार्रवाई डेढ़ गुना अधिक हुई है,जो दूसरे पुलिसकर्मियों के लिए सबक भी है। वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार के मामलों में 160 दोषी अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई थी,जबकि इस वर्ष 250 दोषी पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई का चाबुक चला है।

Related Post