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भक्ति के प्रभाव को बढ़ाती है श्रीमद्भागवत - श्रीमहन्त विनोद गिरि


जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमहन्त विनोद गिरि महाराज के तत्वाधान् मे श्रीमदभगवत कथा के शुभारम्भ पर भूपतवाला से बाबा अमरीगिरि घाट तक भव्य कलश यात्रा का आयोजन बैड बाजो के साथ किया गया। श्रद्धालु भक्तो को श्रीमदभागवत कथा का रसपान कराते हुए।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमहन्त विनोद गिरि महाराज के तत्वाधान् मे श्रीमदभगवत कथा के शुभारम्भ पर भूपतवाला से बाबा अमरीगिरि घाट तक भव्य कलश यात्रा का आयोजन बैड बाजो के साथ किया गया। श्रद्धालु भक्तो को श्रीमदभागवत कथा का रसपान कराते हुए। श्रीमहन्त विनोद गिरि महाराज ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा का किनारा और गुरू का द्वारा सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। श्रीमदभागवत कथा भक्ति के प्रभाव को बढ़ाती है। और भगवान श्रीकृष्ण की प्रसन्नता का प्रधान साधन है। मन की शुद्धि के लिए श्रीमदभागवत से बढ़कर कोई ग्रन्थ नहीं है। उन्होने कहां कि श्रीमदभागवत साक्षात् भगवान का स्वरूप है। इसके पठन व श्रवण से भोग और मोक्ष दोनो सुलभ हो जाते है। भागवत के पाठ से कलयुग के समस्त दोष नष्ट हो जाते है। इसके श्रवण मात्र से ही श्रीहरि हद्य मे विराजते है। कथा वाचिका साध्वी गीता मनीषी राधा गिरि ने कहा कि हजारो अश्वमेघ और वाजपेय यज्ञ इस कथा का अंश मात्र भी नही है। फल की दृष्टि से भागवत की समानता कोई भी तीर्थ नही कर सकता भोग और मुक्ति के लिए एकमात्र भागवत् शास्त्र ही प्रयाप्त है। सफल जीवन के सम्पूर्ण प्रबन्धन के लिए भागवत की नित्य पठन व श्रवण करना चाहिए। क्योंकि इससे जो फल अनायास ही सुलभ हो जाता है। वह अन्य साधनो से दुर्लभ ही रहता है जगत मे भागवत शास्त्र से निर्मल कुछ भी नही हैं। इसलिए भागवत रस का पान सभी के लिए सर्वदाहितकरी है। उन्होने कहा कि भगवान प्रत्येक व्यक्ति के हद्य मे विराजमान परन्तु व्यक्त्ति को इसका बोध नही है। कलियुग मे पाश्चात्य संस्कृति मे जंजाल मे फसकर व्यक्ति कष्टो से घिरता जा रहा है। ऐसे में मात्र श्रीमदभगवत ही भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति के समूल पापो का शमन् कर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास करती है। सभी को कथा का श्रवण कर इसके प्रसंगो को व्यवहार मे शामिल करना चाहिए। क्योंकि जो दीनदुखी दीनानाथ के दरबार मे दस्तक देता है उसका कल्याण स्वंय प्रभु श्रीहरि करते है। इस अवसर पर सुमन देवी, नन्दिनी देवी, सत्यप्रकाश जखमोला, मनोज जखमोला, स्वामी राजेश गिरि, पहलवान बाबा, ऋतु देवी, रेखा देवी, शिवानी कुमारी, सविता देवी, पद्तावती देवी, पुष्पा देवी, गोरी देवी, विदित् शर्मा, दीपकनाथ गोस्वामी, पार्षद अनिल मिश्रा सहित सैकड़ो श्रद्धालु भक्तो ने श्रीमदभगवत कथा का श्रवण किया।

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