Latest News

हरिद्वार में शराब फैक्टरीयों के खिलाफ 47वें दिन भी जारी रहा देवभूमि सिविल सोसायटी का धरना


देवभूमि सिविल सोसायटी का धरना 47वें दिन भी जारी रहा। शहर वासियों का समर्थन धरने को मिल रहा है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हिमालय की रक्षा एवं गंगा की पवित्रता निर्मलता को लेकर हिमालय में शराब कारखाने किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 18 अक्टूबर। हिमालय में शराब कारखाने लगाए जाने के विरोध में देवभूमि सिविल सोसायटी का धरना 47वें दिन भी जारी रहा। शहर वासियों का समर्थन धरने को मिल रहा है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हिमालय की रक्षा एवं गंगा की पवित्रता निर्मलता को लेकर हिमालय में शराब कारखाने किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदियों को दूषित करने की योजना राज्य सरकार कर रही है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कहा कि शराब माफिया, भूमाफिया पूरे प्रदेश में तंत्र पर हावी हैं। षड़यंत्र के तहत सरकार हिमालय में शराब कारखाने लगाने की गलत नीति को अपना रही है। पूरे प्रदेश में शराब बंदी होनी चाहिए। धरना आम जनमानस को सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर आयोजित किया जा रहा है। आमजनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से यह धरना मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हिमालय में शराब कारखानों के लगाए जाने की आधी अधूरी जानकारियां साझा कर रहे हैं। हिमालय के निकट ही शराब कारखाने सरकार द्वारा लगाया जाना उचित नहीं है। हिमालय के पास शराब फैक्ट्रीयां लगेंगी तो गंगा प्रदूषित होगी। शराब कारखाने नियत स्थानों पर ही सरकार को सुनिश्चित करने चाहिए। जिससे प्रदेश की जनता को किसी भी परेशानी से ना जूझना पड़े। हिमालय में शराब फैक्ट्री लगेंगी तो पर्यावरण को भी खतरा पैदा होगा। जेपी बड़ोनी ने कहा कि 47 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार जनभावनाओं का सम्मान नहीं कर रही है। अब तक शासन प्रशासन द्वारा धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं की कोई सुध नहीं ली है। प्रदेश के जल जंगल जमीन बचाने की यह मुहिम प्रदेश वासियों में जनचेतना फैला रही है। जेपी बड़ोनी ने कहा कि धर्मनगरी मद्यनिषेध होने के पश्चात भी जगह जगह अवैध शराब बेची जा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में शराब कारखाने लगेंगे तो गंगा प्रदूषित होगी। प्रदेश के युवाओं को रोजगार सरकार को उपलब्ध कराने चाहिए। शराब के सेवन से प्रदेश व धर्मनगरी में कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। परिवारों मे लडाई झगडे का कारण शराब है। पर्वतीय क्षेत्रों में बस दुघर्टनाएं शराब के कारण ही होती हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस निर्णय को तुरंत वापस लें। प्रदेश वासियों की जनभावनाओं का सम्मान उन्हें करना चाहिए। गोपाल कृष्ण बडोला ने कहा कि शराब समाज के लिए बडा खतरा बनती जा रही है। राज्य के अलावा धर्मनगरी में भी शराब पूर्ण रूप से बंद होनी चाहिए। समाज को जागरूक करने के लिए धरना चलाया जा रहा है। समाज का जागरूक होना बहुत जरूरी है। मनोज कुमार,प्रताप सिंह प्रिस शर्मा ने भी प्रदेश मे शराब बंदी की मांग की  

Related Post