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गुरु नानक देव जी का 550 वां 30 दिवसीय प्रकाश पर्व समारोह निर्मल संतपुरा कनखल में शुरू


सिखों के प्रथम गुरु और सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 30 दिवसीय गुरमत समागम का शुभारंभ श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल में हुआ। जिसमें पांच विशेष कीर्तन समागम का आयोजन किया जाएगा।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार 20 अक्टूबर। सिखों के प्रथम गुरु और सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 30 दिवसीय गुरमत समागम का शुभारंभ श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल में हुआ। जिसमें पांच विशेष कीर्तन समागम का आयोजन किया जाएगा। इस भव्य समारोह का शुभारंभ करते हुए निर्मल संतपुरा के परमाध्यक्ष महन्त जगजीत सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि श्री गुरु महाराज के प्रकाश पर्व के अवसर पर 30 दिन तक नियमित रूप से निर्मल संतपुरा आश्रम में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सानिध्य में श्री जपजी साहिब का नियमित पाठ शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि पहला विशेष कीर्तन समागम आश्रम में शुरू हुआ। जिसमें भाई सुरेंद्र सिंह मनी ,माता कोंला जी अमृतसर और भाई लखविंदर सिंह, हजूरी रागी हेमकुंड साहिब वालों ने विशेष रुप से कीर्तन समागम में शब्द कीर्तन की पावन सरिता बहायी और लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और श्रद्धालु शब्द कीर्तन सुनकर भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्री निर्मल संतपुरा के प्रमुख महन्त जगजीत सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अवतार लिया और धर्म की पुनर्स्थापना की। वह अवतारी महान सिद्ध योगी थे । उन्होंने समाज में व्याप्त कट्टरपन को दूर करने के लिए मानवता को ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संदेश दिया । उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे । उनके विचारों से ही समाज में शांति स्थापित की जा सकती है। इस अवसर पर बाबा मोहन सिंह, बाबा मनजीत सिंह, महन्त मोहन सिंह भजनगढ़ वाले, महन्त तीर्थ सिंह सिंह भजनगढ़ वाले, संत बलजिंदर सिंह ,संत त्रिलोचन सिंह ,गोविंद सिंह , अर्जुन सिंह ,गगनदीप, चेतन शर्मा ,सरदारनी सुरेंद्र कौर आदि ने कार्यक्रम में शिरकत की। देश के विभिन्न प्रांतों से बड़ी तादाद में आए श्रद्धालुओं ने विशेष कीर्तन समागम में भाग लिया और इस अवसर पर गुरु का अटूट लंगर आयोजित किया गया। महन्त जगजीत सिंह महाराज ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ की अरदास की और इस अवसर पर कड़ाह प्रसाद बांटा गया।

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