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भारतीय सेना के पर्यावरण संरक्षण महा अभियान को पलीता लगाते मेला प्रशासन के अधिकारी..


हर की पौड़ी छेत्र के आस-पास पर्यावरण शुद्ध व प्रदूषण कम हो सके | लेकिन विडम्बना है की सेना ने जिस उद्देश्य से ये कार्य किया था उसे कुम्भ मेला प्रशासन ने नकारते हुए मात्र तीन वर्ष बाद ही हरे भरे पेड़ों को पंतदीप में समतलीकरण के नाम पर उजाड़ दिया है

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) देश मे बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हर कोई चिंतित है चाहे माननीय न्यायालय हों या एनजीटी या देश के प्रधानमंत्री या हमारी भारतीय सेना या आम नागरिक हर कोई प्रदूषण से मुक्ति चाहता है। इस हेतु पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर हमारी सेना की गढ़वाल राइफल की इकाई"इको टास्क फोर्स" जिसका गठन हिमालय की हरियाली को बचाने एवम बढ़ाने के लिए विशेष रूप से किया गया है इसी अभियान के तहत सेना हिमालय छेत्र में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर महा अभियान चला रही है इस अभियान के तहत सेना ने एक करोड़ से अधिक वृक्षों का रोपण किया है सेना वातावरण के अनुकूल बड़े आकार के पेड़ों का रोपण करती है और उसके सरक्षण के लिए कंटीले तार लगाती है इसी अभियान के तहत "इको टास्क फोर्स" ने शांतिकुंज के सहयोग से हर की पौड़ी के पन्तदीप में वृक्षारोपण का अभियान चलाया था जिसमें सेना का नेतुत्व सेना के कमान अधिकारी कर्नल राणा ने किया था इस कार्यक्रम में हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के आलावा डीएफओ हरिद्वार पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के साथ मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी भी उपस्थित थे | इस कार्यक्रम में सेना के जवानों के आलावा युवा प्रकोष्ठ शांतिकुंज एवम देव संस्कृति विवि के विद्यार्थीयों ने भाग लेकर सैकड़ों की तादात में वृक्षारोपण किया था तथा उसके सरक्षण के लिए पन्तदीप घाट (मैंदान) के चारों ओर कंटीले तार-बाढ लगाकर सुरक्षित कर दिया था ताकि हर की पौड़ी छेत्र के आस-पास पर्यावरण शुद्ध व प्रदूषण कम हो सके | लेकिन विडम्बना है की सेना ने जिस उद्देश्य से ये कार्य किया था उसे कुम्भ मेला प्रशासन ने नकारते हुए मात्र तीन वर्ष बाद ही हरे भरे पेड़ों को पंतदीप में समतलीकरण के नाम पर उजाड़ दिया है सैकड़ों की तादात में वृक्षों को जेसीबी मशीनों से उखाड़ कर जमीदोज किया जा रहा है तथा वृक्षों के सरक्षण हेतु लगे गई तार बाड को ठिकाने लगा दिया है | मेला प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही से पर्यावरण प्रेमियों में भारी रोष है पर्यावरण प्रेमियों का कहना है की हरिद्वार के जिलाधिकारी को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए तथा बिना अनुमति के पले हुए पेड़ों को काटना चोरी करना, पर्यावरण को नुक्सान पहुचांने व जन-धन का दुरुपयोग करने पर संबधित अधिकारी व अन्य जो जाँच के दायरे में आते हों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही आदेश पारित करना चाहिए ताकि भविष्य में अधिकारी पर्यावरण को छति न पहुचाएं व जन-धन का उपयोग न हो |

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