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अध्ययन में पाया गया कि स्वच्छ हवा से सात फीसदी तक गर्भपात का खतरा कम


शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु की गुणवत्ता में सुधार से गर्भपात की समस्या पर लगाम लग सकती है।अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसा होने से गर्भपात का जोखिमें करीब सात फीसदी तक हो सकता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु की गुणवत्ता में सुधार से गर्भपात की समस्या पर लगाम लग सकती है।अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसा होने से गर्भपात का जोखिमें करीब सात फीसदी तक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में भारत,पाकिस्तान और बांग्लादेश में होने वाले गर्भपात के मामलों और वायु प्रदूषण के बीच के संबंधों की समीक्षा की गई।उन्होंने पाया कि इन देशों में जो गर्भवती महिलाएं दूषित हवा के संपर्क में थी,उनमें गर्भपात और स्टिलबर्थ (पेट में ही बच्चे की मौत) का खतरा अधिक था।अध्ययन में पाया गया कि हवा की गुणवत्ता में सुधार करके इस जोखिम को सात फीसदी तक कम किया जा सकता है।इसमें गर्भपात और स्टिलबर्थ के जोखिम में कमी आ सकती है।पत्रिका लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ में प्रकाशित एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार,स्टिलबर्थ और गर्भपात का अधिक खतरा हो सकता है।

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