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तीर्थ स्थल की कभी जीवन रेखा समझी जाने वाली हिलबाई पास रोड़ जो कि कुम्भ अर्ध कुम्भ मे भ्रष्टाचार के नदी बनकर रह गयी है|


वर्ष 1962 मे भारत चीन युद्ध के समय बनी हरिद्वार तीर्थ स्थल की कभी जीवन रेखा समक्षी जाने वाली हिलबाई पास रोड़ जो कि कुम्भ अर्ध कुम्भ मे भ्रष्टाचार के नदी बनकर रह गयी है, प्रत्येक कुम्भ अर्ध कुम्भ मे करोड़ों के सरकारी बजट की यहा बन्दर बाट ठेकेदार अधिकारी मिलकर कर लेते हैं|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

वर्ष 1962 मे भारत चीन युद्ध के समय बनी हरिद्वार तीर्थ स्थल की कभी जीवन रेखा समझी जाने वाली हिलबाई पास रोड़ जो कि कुम्भ अर्ध कुम्भ मे भ्रष्टाचार की नदी बनकर रह गयी है, प्रत्येक कुम्भ अर्ध कुम्भ मे करोड़ों के सरकारी बजट की यहा बन्दर बाट ठेकेदार अधिकारी मिलकर कर लेते हैं, और इतफाक यह की वर्ष मे केवल तीन दिनों के लिए भारी वाहनों के आवागमन के लिए खोला जाता है, इस वर्ष कुम्भ 2021 मे इस रोड़ के रखरखाव के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, लेकिन स्थल पर न तो कोई निरिक्षण के लिए जा सकता है, क्योंकि यह रोड़ राजा जी टाईगर रिजर्व ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की पर्यावरण दिशा निर्देशों के अधीन अपने नियंत्रण मे लेकर इस पर गेट लगा कर ताला बंदी कर दी है, इसी की आड़ मे यहां अन्दर भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। आज जब कुछ स्थानीय नागरिकों ने प्रांतीय उधोग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल को यहां हो रहे कार्यो के बारे मे सुचित किया गया तो उन्होंने स्थल पर जाकर देखा तो धटिया निमार्ण कार्यों को देखा और इसकी सूचना वरिष्ठ अभियन्ता पी०डब्लू० डी० के (लोक निर्माण विभाग) के अरूण केसरवानी को दी उन्होंने एवम सहायक अभियन्ता मोनिका आर्य ने स्थल निरिक्षण किया तो पाया गया की भूस्खलन रोकने को पहाड़ी पर धटिया सामग्री लगाई जा रही है, तो वही सड़क निर्माण करने वाली एजेन्सी देवभूमि कन्ट्रेकशन द्वारा बनाई सड़क जगह जगह उखड़ रही है, सड़क के गड्डों मे मिट्टी भरी जा रही है, सड़क बनने से पहले ही टुटने लगी है, इस पर ही स्थल देवभूमि कन्ट्रेकशन कम्पनी के ठेकेदार को स्थल पर बुलवाया गया और पून: सड़क को ठीक करवाने के आदेश दिए गये। वही दूसरी और प्रांतीय उधोग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने जनहित एवम शासन हित मे हरिद्वार के कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत से हिलबाई पास रोड़ का स्थलीय निरिक्षण करने की मांग की।ताकि जीरो टालरेस और पारदर्शिता की सरकार की निति के अनुरूप गुणवत्ता परक कार्य हो सके तथा जनधन की हानि को रोका जा सके।

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