अंतरिकà¥à¤· का कचरा वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾ है। इससे निजात पाने के लिठलकड़ी की सेटेलाइट तैयार की जा रही है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
अंतरिकà¥à¤· का कचरा वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾ है। इससे निजात पाने के लिठलकड़ी की सेटेलाइट तैयार की जा रही है। जापान लकड़ी से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¤• उपगà¥à¤°à¤¹ को 2023 तक अंतरिकà¥à¤· में पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¤¿à¤¤ करेगा। इससे पता चलेगा कि कारà¥à¤¬à¤¨à¤¿à¤• पदारà¥à¤¥ हमारे वायà¥à¤®à¤‚डल के बाहर खाली जगह में कैसे रहते हैं। लकड़ी की सेटेलाइट दरअसल धातॠसे बने उपगà¥à¤°à¤¹ का à¤à¤• हानिरहित विकलà¥à¤ª साबित होगी। यह रेड लाइट पृथà¥à¤µà¥€ की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करने वाले अंतरिकà¥à¤· कचरे में काफी हद तक कमी लाà¤à¤—ी। सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ कचरा निकट à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में अंतरिकà¥à¤· यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• गंà¤à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ बन सकता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤Ÿà¥‹ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के शोधकरà¥à¤¤à¤¾ 400 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ कंपनी के साथ मिलकर लकड़ी के उपगà¥à¤°à¤¹ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर रहे हैं।वे à¤à¤• विशेष लकड़ी की आजमाइश में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं, जो अंतरिकà¥à¤· के कठोर वातावरण को à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ में समकà¥à¤· हो।'लिंगिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤²à¤¾' पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ के तहत बन रही यह लकड़ी विदà¥à¤¯à¥à¤¤ चà¥à¤‚बकीय तरंगों को पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने के कà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¤ रखती है। यानी उसे बने उपगà¥à¤°à¤¹ के अंदर à¤à¤• à¤à¤‚टीना और जसà¥à¤¸à¥€ को नियंतà¥à¤°à¤£ उपकरण सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया जा सकता है।