à¤à¤—वान धनà¥à¤µà¤‚तरि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के देवता माने जाते हैं। इस दिन गणेश-लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ को घर लाया जाता है। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दिन कोई किसी को उधार नहीं देता है। इसलिठसà¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ नगद में खरीदकर लाई जाती हैं। इस दिन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और कà¥à¤¬à¥‡à¤° की पूजा के साथ-साथ यमराज की à¤à¥€ पूजा की जाती है।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤ªà¥à¤°, कनखल में धनतेरस के अवसर पर सà¤à¥€ बाजार सजे हà¥à¤ हैं धनतेरस के पर लो बरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ की खरीदारी करते हैं à¤à¤—वान धनà¥à¤µà¤‚तरि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के देवता माने जाते हैं। इस दिन गणेश-लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ को घर लाया जाता है। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दिन कोई किसी को उधार नहीं देता है। इसलिठसà¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ नगद में खरीदकर लाई जाती हैं। इस दिन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और कà¥à¤¬à¥‡à¤° की पूजा के साथ-साथ यमराज की à¤à¥€ पूजा की जाती है। पूरे वरà¥à¤· में à¤à¤• मातà¥à¤° यही वह दिन है, जब मृतà¥à¤¯à¥ के देवता यमराज की पूजा की जाती है। यह पूजा दिन में नहीं की जाती, अपितॠरात होते समय यमराज के निमितà¥à¤¤ à¤à¤• दीपक जलाया जाता है। धारà¥à¤®à¤¿à¤• और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ इस दिन का विशेष महतà¥à¤µ है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में इस बारे में कहा गया है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमितà¥à¤¤ दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ है। अगर संà¤à¤µ न हो तो कोई बरà¥à¤¤à¤¨ खरीदें। इसका यह कारण माना जाता है कि चांदी चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है, जो शीतलता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है, वह सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ है सà¥à¤–ी है और वही सबसे धनवान है।