वसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि तà¥à¤¯à¤¾à¤— से ही आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जीवन की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ है। जिसमें जितनी तà¥à¤¯à¤¾à¤— की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है वह उतना ही महान है। गीता में à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने तà¥à¤¯à¤¾à¤— को लेकर कई महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बातें कही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन à¤à¤° देने का ही कारà¥à¤¯ किया है।
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
देसंविवि के मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित गीतामृत की विशेष ककà¥à¤·à¤¾ को संबोधित कर रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दीपावली के अवसर पर हमें बà¥à¤¤à¥‡ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ पटाखों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना चाहिà¤à¥¤ इससे à¤à¤• ओर धन की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ नहीं होगी, तो वही दूसरी ओर पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण à¤à¥€ कम होगा। तà¥à¤¯à¤¾à¤— आंतरिक रूप से होना चाहिà¤à¥¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— में पà¥à¤°à¥‡à¤®, सà¥à¤– व संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¥€ मिलती है। यà¥à¤µà¤¾ चेतना के उदà¥à¤˜à¥‹à¤·à¤• डॉ. पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने चाणकà¥à¤¯, बिनोवा आदि का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— से होने वाले विविध लाà¤à¥‹à¤‚ का विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी दी। इस अवसर पर ‘ऋषियों के तप तà¥à¤¯à¤¾à¤—, तेज गà¥à¤£ महान धरà¥à¤® महान की..’ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤—ीत ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लोगों में तà¥à¤¯à¤¾à¤— की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को जगाने हेतॠउलà¥à¤²à¤¸à¤¿à¤¤ किया। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वद गीता की आरती के साथ ककà¥à¤·à¤¾ का समापन हà¥à¤†à¥¤ इस अवसर पर देसंविवि व शांतिकà¥à¤‚ज परिवार उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।