दिवाली पर जिस जातक का घर साफ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ होता है मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ उसी के घर आती हैं और उसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर कृपा करती हैं. लेकिन जिसका घर साफ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ नहीं होता है मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ दरवाजे के बाहर से ही लौट जाती हैं.
रिपोर्ट - आचारà¥à¤¯ विषà¥à¤£à¥
इस दिन लोग मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और गणेश à¤à¤—वान की विधि विधान से पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करते हैं | हिंदू धरà¥à¤® की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ दिवाली के दिन पृथà¥à¤µà¥€ पर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने आती हैं और इसी समय वो लोगों के घरों में à¤à¥€ जाती हैं | यही वजह है कि लोग दिवाली से पहले घर की साफ सफाई करते हैं, रंग रोगन करवाते हैं और घर की सजावट करते हैं| मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि जिस जातक का घर साफ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ होता है मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ उसी के घर आती हैं और उसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर कृपा करती हैं. लेकिन जिसका घर साफ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ नहीं होता है मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ दरवाजे के बाहर से ही लौट जाती हैं| दिवाली में लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजा का विशेष महतà¥à¤µ है इस बार दिवाली के दिन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजा मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ शाम के वकà¥à¤¤ है. लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजा का शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ शाम 6 बजाकर 42 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक चलेगा.दिवाली के दिन पà¥à¤°à¤¦à¥‹à¤· काल में पूजा करनी à¤à¥€ शà¥à¤ मानी जाती है. पà¥à¤°à¤¦à¥‹à¤· काल शाम 5 बजकर 36 मिनट से शà¥à¤°à¥‚ होकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक चलेगा.वृषठकाल शाम 7 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 37 मिनट तक चलेगा.अमावसà¥à¤¯à¤¾ तिथि 27 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को 12 बजकर 23 मिनट से लग जाà¤à¤—ी.अमावसà¥à¤¯à¤¾ तिथि का समापन 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को सà¥à¤¬à¤¹ 9 बजकर 8 मिनट पर होगा.लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€-गणेश की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किठजाने वाले वसà¥à¤¤à¥à¤°, लाल कपड़ा, सपà¥à¤¤à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¯, गà¥à¤²à¤¾à¤², लौंग, अगरबतà¥à¤¤à¥€, हलà¥à¤¦à¥€, अरà¥à¤˜à¥à¤¯ पातà¥à¤°, फूलों की माला और खà¥à¤²à¥‡ फूल, सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€, सिंदूर, इतà¥à¤°, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगटà¥à¤Ÿà¥‡, कà¥à¤¶à¤¾, कà¥à¤‚कà¥, साबà¥à¤¤ धनिया, खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिकà¥à¤•à¤¾, अकà¥à¤·à¤¤, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बतà¥à¤¤à¥€, मिठाई, पंचमेवा, पंच पलà¥à¤²à¤µ (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पतà¥à¤¤à¥‡), तेल, मौली, रूई, पांच यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हलà¥à¤¦à¥€ की गांठदिवाली पर मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की कृपा पाने के लिठविशेष दिन है. इस दिन मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ के मंतà¥à¤° 'ऊठशà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ कमले कमलालये पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦à¥ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ ऊठमहालकà¥à¤·à¥à¤®à¤¯à¥ˆ नम:'का 108 बार जाप करना चाहिà¤.धारà¥à¤®à¤¿à¤• कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास की कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· की अमावसà¥à¤¯à¤¾ को ही समà¥à¤¦à¥à¤° मंथन से मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ का आगमन हà¥à¤† था. à¤à¤• अनà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस दिन मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ का जनà¥à¤® दिवस होता है. कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर इस दिन को देवी लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ के जनà¥à¤® दिवस के रूप में मनाया जाता है.पौराणिक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, à¤à¤—वान राम इसी दिन लंका पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर और अपने 14 वरà¥à¤· का वनवास पूरा करके वापस अयोधà¥à¤¯à¤¾ लौटे थे. उनके आने की खà¥à¤¶à¥€ में पूरे राजà¥à¤¯ को दीपों से सजाया गया था. तà¤à¥€ से यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° मनाया जाता है. लोग इस दिन मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पूजा à¤à¥€ करते हैं. कहा जाता है कि धन की देवी मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ इस दिन घर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करती हैं. इस दिन धन-संपदा और शांति के लिठलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और गणेश à¤à¤—वान की विशेष पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ का आयोजन होता है.