अनà¥à¤¨à¤•à¥‚ट के दिन घर में विविध पकवान बनाà¤à¤‚ इसमें पà¥à¤¯à¤¾à¤œ लहसà¥à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न करें à¤à¥‹à¤œà¤¨ बनाकर शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚ इसे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के रूप में गà¥à¤°à¤¹à¤£ करें घर में खूब समृदà¥à¤§à¤¿ आà¤à¤—ी दीपावली के दूसरे दिन अनà¥à¤¨à¤•à¥‚ट और गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा की जाती है मूलतः यह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पूजा है जिसका आरमà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने किया था इस दिन पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के आधार के रूप में गोवरà¥à¤§à¤¨ परà¥à¤µà¤¤ की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है यह पूजा बà¥à¤°à¤œ से आरमà¥à¤ हà¥à¤¯à¥€ थी और धीरे धीरे पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ|
रिपोर्ट - आचारà¥à¤¯ विषà¥à¤£à¥
सनातन धरà¥à¤® में दिवाली के ठीक अगले दिन गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा करने का विधान बताया गया है। देशà¤à¤° में आज यानी 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा की जाà¤à¤—ी। गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा को अनà¥à¤¨à¤•à¥‚ट पूजा à¤à¥€ कहा जाता है। धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस दिन पूजा करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की कृपा सदैव बनी रहती है। गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा हर साल कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि को की जाती है। आज इस शà¥à¤ आपके और आपके परिवार पर à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की कृपा बनी रहे इसके लिठइस शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ और विधि से पूजा करें। आइठजानते हैं कà¥à¤¯à¤¾ है पूजा की शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¥¤ गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा सायाहà¥à¤¨à¤•à¤¾à¤² मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤- दोपहर 03.27 से 05.41 बजे तकअवधि- 02 घंटे 14 मिनट दà¥à¤¯à¥‚त कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ सोमवार 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2019 को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤- 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को सà¥à¤¬à¤¹ 09.08 बजे से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि समापà¥à¤¤- 29 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2019 को शाम 06.13 बजे तक|अनà¥à¤¨à¤•à¥‚ट के दिन घर में विविध पकवान बनाà¤à¤‚ इसमें पà¥à¤¯à¤¾à¤œ लहसà¥à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न करें à¤à¥‹à¤œà¤¨ बनाकर शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚| इसे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के रूप में गà¥à¤°à¤¹à¤£ करें घर में खूब समृदà¥à¤§à¤¿ आà¤à¤—ी| यह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पूजा है जिसका आरमà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने किया था इस दिन पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के आधार के रूप में गोवरà¥à¤§à¤¨ परà¥à¤µà¤¤ की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है यह पूजा बà¥à¤°à¤œ से आरमà¥à¤ हà¥à¤¯à¥€ थी और धीरे धीरे पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ गोवरà¥à¤§à¤¨ पूजा करने के लिठआप सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवरà¥à¤§à¤¨ का चितà¥à¤° बनाà¤à¤‚। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवरà¥à¤§à¤¨ à¤à¤—वान की पूजा करें। कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से सचà¥à¤šà¥‡ दिल से गोवरà¥à¤§à¤¨ à¤à¤—वान की पूजा करने से सालà¤à¤° à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की कृपा बनी रहती है।