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यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद


विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज मंगलवार को भैया दूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए गए। छह माह तक मां यमुना के दर्शन देश- विदेश के श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज मंगलवार को भैया दूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए गए। छह माह तक मां यमुना के दर्शन देश- विदेश के श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। मंगलवार को भैया दूज के अवसर पर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहन की मौजूदगी में माँ यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची। विधिवत पूजा अर्चना के बाद परंपरानुसार यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:25 बजे बंद किये गए। उसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ (खरसाली) के लिए रवाना हुई। शीतकाल के छह महीने तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने माँ यमुना की पूजा अर्चना कर जनपद की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने 80 लाख रुपए की लागत से नव निर्मित अतिथि गृह का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनपद के दोनों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री की यात्रा सुगम व सुरक्षित सम्पन हुई । काफी संख्या में देशी-विदेशी तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं ने दोनों धाम के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा तीर्थयात्रियों ,श्रद्धालुओं के लिए हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का भरसक प्रयास किया गया। सड़क, स्वास्थ्य, सफाई, संचार आदि बुनियादी सुविधाओं पर विशेष रुप से बल दिया गया। सफल व सुरक्षित यात्रा सम्पन्न कराने हेतु जिलाधिकारी ने तीर्थ पुरोहित सहित स्थानीय जनता के सहयोग का भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर उपजिलाधिकारी पुरोला सोहन सैनी व मन्दिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल, उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल, प्रवक्ता बागेश्वर उनियाल सहित तीर्थ पुरोहित व श्रद्धालु मौजूद थे।

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