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धर्म नगरी में धर्म के नाम पर लूट


हरिद्वार को ईश्वर का प्रवेश द्वार कहा जाता है इसे मायापुरी के रूप में भी जाना जाता है कहते हैं कि"गँगा की माटी न लेती- न देती" फिर भी देश-विदेश के करोड़ों सनातन धर्म प्रेमी इस देव नगरी व मां गँगा में अपनी गहरी आस्था रखते हैं|

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) : हरिद्वार को ईश्वर का प्रवेश द्वार कहा जाता है इसे मायापुरी के रूप में भी जाना जाता है कहते हैं कि"गँगा की माटी न लेती- न देती" फिर भी देश-विदेश के करोड़ों सनातन धर्म प्रेमी इस देव नगरी व मां गँगा में अपनी गहरी आस्था रखते हैं तथा यहाँ आकर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की धनराशि व आभूषण आदि दान स्वरूप मंदिरों में श्रदाभाव से अर्पित करते हैं ताकि लोक कल्याण हो और धर्म वीरू जनता को इसका लाभ प्राप्त हो लेकिन यह इस धर्म नगरी का दुर्भाग्य है कि यहाँ धर्म के नाम पर खुली लूट हो रही है यहाँ लोक कल्याण नहीं बल्कि" व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं और हरिद्वार की धार्मिक पहचान मिटाने की साजिश हो रही है यही बजह है कि इस नगरी में तीर्थ श्रदालुओं से अबैध वसूली हो रही है" मन्दिरों को कोई भी बेच देता है अनेक मन्दिर ठेके पर चल रहे है यहाँ तक कि सार्वजनिक संपत्ति/भूमि पर हरकी पौड़ी क्षेत्र में अतिक्रमण कर करीब 100 से अधिक तख़्त/स्टाल भी ठेके पर हैं पूर्व में मुगलों और अंग्रेजों ने भारत के मंदिरों को लूटा लेकिन अब कौन लूट रहा है? यह वह लोग है जिनकी मंदिरों में कोई आस्था नहीं और इनका सनातन धर्म एवं उसकी पूजा/ पदतियों से कोई लेना देना नहीं हैं |

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