à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. काॅलेज में आज शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚, शिकà¥à¤·à¤£à¥‡à¤¤à¥à¤¤à¤° करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व काॅलेज के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ की पà¥à¤£à¥à¤¯ तिथि पर दो मिनट का मौन रखकर उनके चितà¥à¤° पर पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर किये।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 30 जनवरी, 2021 à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. काॅलेज में आज शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚, शिकà¥à¤·à¤£à¥‡à¤¤à¥à¤¤à¤° करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व काॅलेज के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ की पà¥à¤£à¥à¤¯ तिथि पर दो मिनट का मौन रखकर उनके चितà¥à¤° पर पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर किये। काॅलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ ने गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की जंजीरों को तोड़कर हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ को आजाद कराया। अब हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि उनके पदà¥à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¹à¥‹à¤‚ पर चलकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ माठकी सेवा करें। डाॅ. बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ जी ने सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® 1915 में कà¥à¤®à¥à¤ मेला परà¥à¤µ से तीरà¥à¤¥à¤¨à¤—री हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° से ही सà¥à¤µà¤šà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¤¤ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की शà¥à¤°à¥‚आत की थी। उनके à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के लिठकिये गये अहिंसा आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ से आज à¤à¥€ विशà¥à¤µ के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ देशी तथा विदेशी यà¥à¤µà¤¾ उनकी शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं। डाॅ. बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि गांधी जी के सतà¥à¤¯, अपृशà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और अहिंसा के सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ हमें ईमानदारी के साथ जीवन जीने के बारे में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सिखाते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गांधी जी ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के खिलाफ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान ही नहीं दिया अपितॠउनकी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ ने विशà¥à¤µà¤à¤° के लोगों को किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के खिलाफ आवाज उठाने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डाॅ. नरेश कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤— ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ आज à¤à¥€ उतने ही पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हैं जितने उस समय थे, जिस à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सपना गाà¤à¤§à¥€ जी ने देखा था उसमें सिरà¥à¤« राजनीतिक आजादी ही नहीं, अपितॠà¤à¤• सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और विकसित देश की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ की थी। गांधी जी सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ और अहिंसा के अगà¥à¤°à¤¦à¥‚त थे। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œà¤‚लि सà¤à¤¾ में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से डाॅ. सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पाठक, डाॅ. मन मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, विनय थपलियाल, डाॅ. सà¥à¤·à¤®à¤¾ नयाल, डाॅ. मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सोही, डाॅ. शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान, वैà¤à¤µ बतà¥à¤°à¤¾, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रिचा मनोचा, विवेक मितà¥à¤¤à¤², डाॅ. लता शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. आशा शरà¥à¤®à¤¾, कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ अधीकà¥à¤·à¤• मोहनचनà¥à¤¦ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ चौहान आदि सहित काॅलेज के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।